आलू का उत्पादन विभिन्न प्रकार की मिट्टियों में किया जा सकता है, जैसे बालुई दोमट, गाद दोमट, दोमट और चिकनी मिट्टी। अच्छी जल निकास वाली रेतीली दोमट और ह्यूमस से भरपूर मध्यम दोमट मिट्टी इसकी खेती के लिए सबसे उपयुक्त होती है।
आलू की रोपाई के लिए खेत की तैयारी
आलू की फसल के अच्छे कंदीकरण के लिए अच्छी तरह से चूर्णित मिट्टी की आवश्यकता होती है। आलू को रबी की फसल के रूप में लिया जाता है। ख़रीफ़ फ़सल की कटाई के तुरंत बाद खेत तैयार कर लेना चाहिए।
मेड़ों के बाद समतल सतह पर आलू बोना
इस विधि में खेत तैयार किया जाता है और फिर समतल सतह पर उथले खांचे खोले जाते हैं। आलू नालियों में बोये जाते हैं तथा कंद लगाने के तुरंत बाद छोटी-छोटी मेड़ें बना देते हैं।
रोपण का समय
उच्च पैदावार सुनिश्चित करने के लिए, आलू को इष्टतम समय पर बोना आवश्यक है।रोपण का सबसे अच्छा समय वह है जब अधिकतम और न्यूनतम तापमान 30°C से 32°C और 18°C
से 20°C होता है।
फसल की कटाई तब करनी चाहिए जब डंठल पीले पड़कर जमीन पर गिरने लगें। इस स्तर पर जमीनी स्तर पर ढेर हटा दिए जाने चाहिए।
फसल काटने का समय
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