अरंडी की खेती से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी जाने यहां
अरंडी एक बहुउपयोगी फसल है जिससे तेल, खली, औषधियां और अन्य उत्पाद प्राप्त होते हैं।
– अरंडी उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय जलवायु में अच्छी तरह से बढ़ती है।
– मानसून के पहले आने वाली वर्षा के तुरन्त बाद हल चलायें और नुकीले पाटे से 2-3 बार पाटा फेरें।
– अरंडी को शुरुआती विकास के चरण में गोबर खाद या कंपोस्ट खाद दी जा सकती है। 10-12 टन खाद/मिट्टी में मिलाए।
– अरंडी की फसल 80-120 दिनों में तैयार हो जाती है। जब फल सूखने लगते हैं और भूरे रंग के हो जाते हैं, तो फसल की कटाई कर लेनी चाहिए।
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