क्या हैं गुडमार ?जानिए इसकी की औषधीय खेती के बारे में
गुड़मार के जड़ों और पत्तों को औषधीय रूप से उपयोग किया जाता है। यह एक बहुवर्षीय पौधों है, इसकी शाखाओं पर छोटे-छोटे रोयें होते हैं।
– गुडमार की खेती के लिए दोमट मिट्टी अच्छी मानी जाती है। इसकी खेती के लिए उचित जल निकासी वाली मिट्टी की आवश्यकता होती है।
– रोपण के लिए पहले पौधे तैयार किए जाते है। बीजों की खेती के लिए पौधों को रोपणी में तैयार करना चाहिए।
– पौधों को 1x1 मीटर की दूरी पर बनाए गए गड्ढों में जुलाई-अगस्त में बारिश के समय रोपा जा सकता है।
गर्मियों में 10-15 दिन और सर्दियों में 20-25 दिन के अंतराल पर सिंचाई करनी चाहिए ताकि पौधे बेहतर वृद्धि कर सकें।
– गुड़मार मुख्य रूप से इसकी पत्तियों के लिए उगाई जाती है। रोपण के पहले वर्ष से ही पत्तियाँ मिलने लगती हैं, और समय के साथ बेलें बढ़ती रहती हैं।
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