किनोवा की खेती: फसल की विधि, लाभ और अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी मांग
चिनोपोडियम किनोवा एक वनस्पति है जो बथुआ प्रजाति का सदस्य है। यह ग्रामीण क्षेत्रों में किनोवा, केनवा आदि नाम से जाना जाता है।
खेत को अच्छी तरह तैयार करने के लिए 2-3 बार जुताई करनी चाहिए ताकि मिट्टी भुरभुरी हो जाए।
– इसका बीज बहुत छोटा होता है, इसलिए प्रति बीघा 400-600 ग्राम बीज पर्याप्त है।
– बुआई के तुरंत बाद सिंचाई करनी चाहिए।
– किनोवा के पौधों को बहुत कम पानी की आवश्यकता होती है।
– किनोवा के पौधों में कीट और रोगों से लड़ने की अच्छी क्षमता होती है।
– किनोवा की फसल 100 दिनों में तैयार हो जाती है।
– अच्छी तरह विकसित फसल की ऊंचाई 4-6 फीट तक होती है।
सरसों से भी अधिक तेल उत्पादन देती हैं ये फसल बंजर जमीन में होती हैं खेती
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