खेती के शुरुआती दौर में बैलगाड़ी ही किसानों का मुख्य साधन था। बैलों की मदद से हल चलाना, खेत जोतना और फसलों को ढोना किसानों की दिनचर्या थी।
20वीं सदी की शुरुआत में ट्रैक्टर का अविष्कार हुआ, जिसने खेती के तरीके को बदल दिया। ट्रैक्टर ने किसानों को अधिक उत्पादन के लिए सक्षम बनाया और समय व मेहनत की बचत की।
धीरे-धीरे ट्रैक्टर तकनीक में बदलाव आया। आज बाजार में पावर स्टीयरिंग, मल्टी-गियर, और हाइड्रोलिक सिस्टम वाले ट्रैक्टर उपलब्ध हैं।
ये ट्रैक्टर सेंसर और GPS तकनीक से लैस हैं, जो सटीकता से खेतों का विश्लेषण करते हैं और फसल की स्थिति बताते हैं।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ने ट्रैक्टर को और स्मार्ट बना दिया है। AI ट्रैक्टर बिना ड्राइवर के चल सकते हैं और स्वचालित रूप से खेत का प्रबंधन कर सकते हैं।
– छोटे और बड़े किसानों के लिए ट्रैक्टर ने खेती को आसान बनाया।– उत्पादन में वृद्धि और लागत में कमी।