आलूबुखारा की खेती कैसे की जाती है?
आलूबुखारा एक महत्वपूर्ण समशीतोष्ण ड्रूप फल है, जो आड़ू के बाद आता है।
– आलूबुखारा सम-उष्णकटिबंधीय मैदानों से लेकर उच्च पहाड़ियों तक अच्छे से उगते हैं।
– आलूबुखारा विभिन्न प्रकार की मिट्टियों में उग सकते हैं, लेकिन गहरी, उपजाऊ और अच्छी जल निकासी वाली दोमट मिट्टी जिसमें pH 5.5-6.5 हो, सबसे उपयुक्त है।
– छोटे आकार के गड्ढे खोदे जाते हैं, जो 6 मीटर की दूरी पर होते हैं, और इनमें आधे चंद्राकार तालाबों में पौधारोपण किया जाता है।
– आलूबुखारा के पेड़ों के लिए उर्वरक की सिफारिश है: 10 किलो सड़ी हुई गोबर खाद, 50 ग्राम N, 25 ग्राम P और 60 ग्राम K प्रत्येक वर्ष 10 वर्षों तक।
– नए पौधों को उनकी स्थापना के पहले चरण में पानी देना बहुत आवश्यक होता है। इस क्षेत्र में सिंचाई का सबसे महत्वपूर्ण समय दिसंबर से मार्च तक होता है।
आलूबुखारा की खेती कैसे की जाती है?
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