केसर की बुवाई अगस्त से सितंबर में की जाती है।
इसमें केसर की कंद (Corms) को 10-15 cm गहराई में रोपा जाता है।
अच्छी धूप, सिंचाई में सावधानी, और खरपतवार नियंत्रण से केसर की गुणवत्ता बेहतर रहती है।
अक्टूबर-नवंबर में जब फूल पूरी तरह खिल जाएं, तो सुबह-सुबह उन्हें हाथ से तोड़ा जाता है और उनके लाल धागों को अलग किया जाता है।
फूलों से धागे अलग कर उन्हें सुखाया जाता है और फिर पैक करके बाजार में 1 से 3 लाख रुपए/किलो तक बेचा जाता है।