यह ट्रैक्टर GPS मैपिंग, सेंसर डेटा, और प्रोग्राम्ड रूट्स के जरिए खेतों में हल चलाना, बीज बोना, और स्प्रे करना खुद ही कर सकता है।
समय की बचत लागत में कमी सटीक और एकसमान खेती
प्रोग्रेसिव फार्मर्स वे किसान जो खेती में टेक्नोलॉजी अपनाना चाहते हैं .
शुरुआती लागत ज्यादा टेक्निकल जानकारी की कमी
ऑटोमैटिक ट्रैक्टर भारतीय कृषि को टेक्नोलॉजी से जोड़ने का बड़ा कदम है। आने वाले समय में यह छोटे किसानों के लिए भी सुलभ होगा।