इन विधियों से धान की नर्सरी तैयार करे होगी दुगनी उपज

धान एक मुख्य खाद्य अनाज है जो विश्वभर में उगाई जाती है और भारत में भी इसकी खेती बहुत अधिक मात्रा में की जाती है। धान की खेती भारतीय कृषि के लिए महत्वपूर्ण है, और यह देश की प्रमुख खाद्य संसाधनों में से एक है।

धान की खेती में नर्सरी का महत्व अत्यधिक होता है। नर्सरी एक स्थान होता है जहां पौधों को उगाया और प्रारंभिक देखभाल की जाती है ताकि वे स्वस्थ और मजबूत पौधे बन सकें।

धान की खेती में नर्सरी का महत्व

1. गीली नर्सरी 2. डैपोग या मैट नर्सरी 3. सूखी नर्सरी

धान की नर्सरी तैयार करने की विधियाँ

इस विधि को पारंपरिक विधि भी बोलै जाता है। गीली नर्सरी विधि से तैयार की जाने वाली नर्सरी भी अच्छी उपज देती है, गीले बिस्तर वाली नर्सरी का उपयोग मुख्य रूप से उन क्षेत्रों में किया जाता है जहां पर्याप्त पानी होता है

गीली नर्सरी

मैट नर्सरी में पौधों को मिट्टी के मिश्रण की एक परत में स्थापित किया जाता है, जो एक मजबूत सतह (कंक्रीट फर्श / पॉलिथीन शीट / अंकुर ट्रे) पर व्यवस्थित होती है।

दापोग/मैट नर्सरी

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सेल्स रिपोर्ट अप्रैल 2024 : महिंद्रा