कलिहारी की खेती से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी

कलिहारी एक बहुवर्षीय लता (बेल) के रूप में उगाई जाने वाली फसल है, जिसे मुख्य रूप से औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है।

– कलिहारी की खेती के लिए दोमट मिट्टी सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है, जिसमें उचित पोषक तत्व और जल निकासी की क्षमता होनी चाहिए।

कलिहारी एक खरीफ फसल है, जिसे मुख्य रूप से जुलाई और अगस्त के महीनों में बोया जाता है।

– मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने के लिए खेत की तैयारी के दौरान जैविक खाद जैसे हरी खाद या गोबर की खाद मिलाएं।

– कलिहारी को अधिक सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती है। शुरुआत में, नए पौधों को हर चार दिन में पानी दें।

– कलिहारी की फसल बुवाई के 170-180 दिनों बाद तैयार हो जाती है। इसके फल हल्के हरे से गहरे हरे होने पर उन्हें काटा जाता है।

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