शकरकंदी की खेती से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी

शकरकंदी को भारत में लोग बड़े चाव से खाते है। शकरकंदी फसल मुख्य रूप से अपने मीठे स्वाद और स्टार्ची जड़ों के लिए उगाई जाती है।

– शकरकंद बीटा कैरोटीन का एक बहुत अच्छा स्त्रोत है, इसलिए इसे एंटीऑक्सीडेंट के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।

– वैसे तो इसकी खेती बहुत तरह की मिट्टी में की जा सकती है, जैसे दोमट मिट्टी, लेकिन यह अधिक उपजाऊ और अच्छे निकास वाली मिट्टी में बेहतर पैदावार देता है।

– बिजाई के बाद, पहले 10 दिन हर 2 हफ्ते में एक बार सिंचाई करें और फिर 7-10 दिनों में एक बार सिंचाई करें।

120 दिनों में शकरकंदी की फसल पककर तैयार हो जाती है। फल पकने और पीले होने पर इसकी पुटाई की जाती है।

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