पालक की खेती और उसके तरीके
पालक (Spinach) एक पत्तेदार सब्जी है जो पोषक तत्वों से भरपूर होती है। इसमें आयरन, विटामिन A, C, K और फॉलिक एसिड भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।
– पालक की खेती के लिए शीतोष्ण जलवायु सबसे उपयुक्त होती है। 15-30 डिग्री सेल्सियस तापमान पर इसका अच्छा विकास होता है।
– पालक की खेती के लिए अच्छे जल निकास वाली दोमट या बलुई दोमट मिट्टी उपयुक्त होती है। मिट्टी का pH स्तर 6.0-7.5 के बीच होना चाहिए।
– शीतकालीन फसल के लिए सितंबर से नवंबर का समय उपयुक्त है।
– ग्रीष्मकालीन फसल के लिए फरवरी से मार्च का समय सर्वोत्तम होता है।
– बीज की मात्रा: 20-25 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर उपयुक्त होती है। बुवाई पंक्तियों में करें, जिससे खरपतवार नियंत्रण और सिंचाई प्रबंधन आसान हो सके।
– पालक की जड़ें सतह के पास होती हैं, इसलिए हल्की सिंचाई करें। बुवाई के तुरंत बाद हल्की सिंचाई आवश्यक है।
– पालक की फसल बुवाई के 30-40 दिन बाद कटाई के लिए तैयार हो जाती है। जब पत्तियां पूर्ण रूप से विकसित हो जाएं, तब उनकी कटाई करें।
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