ऑर्गेनिक खेती का मतलब है रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के बिना खेती करना। यह विधि प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करके स्वस्थ और पौष्टिक फसलें उगाने पर ध्यान केंद्रित करती है।
ऑर्गेनिक खेती की शुरुआत भूमि की सही तैयारी से होती है।– खेत को रासायनिक उर्वरकों से मुक्त करें।– जैविक खाद और कंपोस्ट का उपयोग करें।
ऑर्गेनिक खेती के लिए जैविक बीजों का उपयोग करना जरूरी है।– प्रमाणित ऑर्गेनिक बीज ही चुनें।– उन बीजों का चयन करें जो आपके क्षेत्र की जलवायु के अनुकूल हों।
ऑर्गेनिक खेती में रासायनिक उर्वरकों की जगह जैविक खाद का उपयोग किया जाता है।– वर्मीकम्पोस्ट, गोबर की खाद, और हरी खाद का उपयोग करें।– पत्तियों और जैविक कचरे से खाद बनाएं।
ऑर्गेनिक खेती में कीट और रोगों से बचाव के लिए प्राकृतिक तरीकों का उपयोग किया जाता है।– नीम तेल, गोमूत्र, और हर्बल स्प्रे का छिड़काव करें।– फसल चक्र (Crop Rotation) अपनाएं ताकि मिट्टी में कीटों का प्रभाव कम हो।
ऑर्गेनिक खेती में जल प्रबंधन महत्वपूर्ण है।– ड्रिप सिंचाई और स्प्रिंकलर जैसी जल-संरक्षण तकनीक अपनाएं।– खेतों में पानी रोकने के लिए तालाब और चेक डैम बनाएं।
ऑर्गेनिक उत्पाद बेचने के लिए प्रमाणन जरूरी है।– भारत में NPOP (National Programme for Organic Production) से प्रमाणन प्राप्त करें।– विभिन्न ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन एजेंसियों से संपर्क करें।
ऑर्गेनिक उत्पादों की बिक्री से अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है।– स्थानीय बाजार, किसान मंडी, और ऑर्गेनिक स्टोर्स में अपने उत्पाद बेचें।– ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया का उपयोग करके भी अपने उत्पाद का प्रचार करें।