अगर ऐसे करेंगे इलायची की खेती तो हो जायेंगे मालामाल

बीज और बुवाई

इसकी बुवाई पुराने पौधों के सकर्स या बीजों का उपयोग करके की जाती है 

इलायची की पौध उगाना

बीज क्यारियों को मल्चिंग और छायां प्रदान करनी जरुरी होती है। क्यारियों को नम रखना चाहिए लेकिन  क्यारियों बहुत गीला नहीं होना चाहिए।

खाद और उर्वरक प्रबंधन

फसल में रोपाई से पहले 10 टन प्रति एकड़ गोबर की खाद या कम्पोस्ट का इस्तेमाल करें। उर्वरक की बात करें तो अधिक ऊपज प्राप्त करने के लिए फसल में 30 -35 किलोग्राम नाइट्रोजन, 30 -35 किलोग्राम फॉस्फोरस और 60 -65 किलोग्राम पोटाश प्रति एकड़ की दर से खेत में डालें।

स्पेसिंग

बुवाई करते समय पौधों से पौधों के बीच की दुरी का अवश्य ध्यान रखे। बड़ी प्रकार की पौध के लिए 2.5 x 2.0 m. की दुरी रखें और छोटे प्रकार  2.0 x 1.5 m. की दुरी रखें।

फसल की कटाई

इलायची के पौधे आमतौर पर रोपण के दो साल बाद फल देने लगते हैं। अधिकांश क्षेत्रों में कटाई की चरम अवधि अक्टूबर-नवंबर के दौरान होती है।

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