जलवायु परिवर्तन का खेती पर प्रभाव

बढ़ते तापमान से फसलों की वृद्धि और गुणवत्ता पर सीधा असर पड़ता है।" – गर्मी से फसलों की पैदावार घटती है। – पानी की ज़रूरत बढ़ जाती है।

असामयिक और अनिश्चित बारिश खेती के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुकी है।" – कम बारिश: सूखे की समस्या। – अधिक बारिश: जलभराव से फसलों का नुकसान।

जलवायु परिवर्तन से मिट्टी का क्षरण हो रहा है, जिससे उपजाऊपन घटता जा रहा है।" – मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी। – पेस्ट और रोगों का बढ़ना।

बदलती जलवायु के कारण फसल पर कीटों और रोगों का प्रकोप बढ़ रहा है।" – नए रोग: तापमान के अनुसार नए फसल रोग। – कीट नियंत्रण में कठिनाई: अधिक पेस्टिसाइड की जरूरत।

फसल उत्पादन का पारंपरिक चक्र प्रभावित हो रहा है, जिससे किसान नई योजनाएँ अपनाने पर मजबूर हो रहे हैं।" – कृषि चक्र में बदलाव: देरी से बुआई और कटाई। – नई तकनीकें: कम समय में फसल तैयार करने वाले बीजों का प्रयोग।

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