खस की खेती से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

खस मूलत: भारतीय उपमहाद्वीप का पौधा है। इसका उपयोग मूलत: तेल की प्राप्ति हेतु किया जाता है। जोकि खस के पौधे की जड़ों में पाया जाता है।

– लेमन ग्रास तथा जामा रोजा की तरह खस की बुवाई भी स्लिप्स से की जाती है। स्लिप बनाने के लिए एक साल पुराने पौधों कों उखाड़कर उनसे स्लीपर्स तैयार किया जाता है।

वर्तमान में जो भी अन्वेषण हुए हैं, उस आधार पर उत्तम किस्में निकाली गयी हैं। इनसे तेल काफी ज्यादा हांसिल होता है।

– खस सूखा अवरोधी होता कोई खस सिंचाई की आवश्कता नहीं पड़ती, परंतु गर्मी के मौसम में दो - तीन सिंचाई करने से उत्पादन में अच्छी वृद्धि पायी जाती है।

– खस की फसल सामान्यत: 18 से 24 महीने की फसल के रूप में ली जाती है। अता लगाने से लगभग 18 माह के बाद जड़ें खुदाई के लिए तैयार हो जाती है।

– रोपने के 18 से 24 महीने के बाद खस की जड़ें खोदाई करने के योग्य हो जाती है।

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