मल्टी लेयर फार्मिंग: एक खेत में चार गुना मुनाफा!

मल्टी लेयर फार्मिंग में एक ही खेत में अलग-अलग ऊंचाई वाली फसलें एक साथ उगाई जाती हैं, जिससे भूमि का अधिकतम उपयोग होता है और उत्पादन बढ़ता है।

क्या है मल्टी लेयर फार्मिंग?

इस तकनीक में गहरी जड़ वाली फसलें नीचे, मध्यम ऊंचाई वाली फसलें बीच में और ऊंचे पेड़ या बेल वाली फसलें ऊपर लगाई जाती हैं.

कैसे काम करती है मल्टी लेयर फार्मिंग?

केला, पपीता (ऊपर), अदरक, हल्दी (मिट्टी के पास), पालक, धनिया (जमीन पर)। इस संयोजन से एक साथ कई फसलें मिलती हैं।

मल्टी लेयर फार्मिंग में कौन-कौन सी फसलें उगाई जाती हैं?

मिट्टी का क्षरण कम कम खर्च में ज्यादा मुनाफा अलग-अलग फसलें, अलग-अलग आय

मल्टी लेयर फार्मिंग के फायदे

जिन किसानों के पास छोटी जमीन है या जो जैविक खेती करना चाहते हैं, उनके लिए मल्टी लेयर फार्मिंग आदर्श विकल्प है।

किन किसानों को करना चाहिए मल्टी लेयर फार्मिंग?

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