तेलंगाना में सोयाबीन की खेती ने किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार किया है। यहां की मौसमी और जलवायु स्थितियाँ सोयाबीन के उत्पादन को बढ़ावा देती हैं।
महाराष्ट्र में सोयाबीन की खेती कृषि उत्पादन के मुख्य स्रोत में से एक है। यहां की भूमि की उपयुक्तता और उच्च उत्पादन देने वाली प्रकृति ने सोयाबीन के उत्पादन को बढ़ावा दिया है।
मध्य प्रदेश में सोयाबीन की खेती सुरक्षित और उच्च उत्पादन देती है। यहां की भूमि की उपयुक्तता और उत्पादकता सोयाबीन के लिए अनुकूल है।
कर्नाटक के आधुनिक कृषि प्रणालियों ने सोयाबीन की खेती में वृद्धि को प्रोत्साहित किया है। यहां के किसान नवीनतम तकनीकों का उपयोग करते हैं और उत्पादकता में वृद्धि करते हैं।
राजस्थान में सोयाबीन की खेती अनुकूल जलवायु और जलस्रोतों के साथ उत्पन्न होती है। यहां की खेती ने कृषि के क्षेत्र में विकास का नया द्वार खोला है।