इन रोगों से होता है बाजरे की फसल में सबसे अधिक नुकसान

बाजरा की खेती भारत में एक महत्वपूर्ण अनाज फसल के रूप में की जाती है। बाजरा खाद्य सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और कई प्रकार के पोषक तत्वों से भरपूर होता है।

बाजरा की खेती में कई चरण होते हैं। पहले तो, उपयुक्त खेत की तैयारी की जाती है, जिसमें खेत की उपयुक्त देखभाल, उचित खाद्य और जल की व्यवस्था शामिल होती है।

ये रोग बाजरे की फसल का एक घातक रोग है। फसल में इस रोग का प्रकोप होने पर काफी हद तक नुकसान होता है। संक्रमण मुख्य रूप से प्रणालीगत होता है और लक्षण पत्तियों और पुष्पक्रम पर दिखाई देते हैं। प्रारंभिक लक्षण अंकुरों में तीन से चार पत्ती अवस्था में दिखाई देते हैं।

Downy mildew रोग के लक्षण

खेत की जमीं से रोग को ख़त्म करने के लिए गर्मी में गहरी जुताई करें। खड़ी फसल में संक्रमण को रोकने के लिए संक्रमित पौधों को नष्ट कर दे और जमीन में दबा दे।

रोग को नियंत्रित  करने के उपाय

इस रोग के लक्षण हल्के गुलाबी रंग की छोटी-छोटी बूंदों के निकलने से दिखाई देते है। संक्रमित स्पाइकलेट्स से भूरा चिपचिपा तरल पदार्थ (शहद ओस) निकलता है।

ergot रोग के लक्षण

बुआई की तारीख को समायोजित करें ताकि सितंबर के दौरान फसल में फूल न आएं, क्योंकी वर्षा और उच्च सापेक्ष आर्द्रता रोग के प्रसार में सहायक होती हैं।

रोग को नियंत्रित  करने के उपाय

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