खेती में जैविक खाद का उपयोग मिट्टी की गुणवत्ता सुधारने और फसल की पैदावार बढ़ाने के लिए किया जाता है।
जैविक खाद के कई प्रकार होते हैं, जिनका उपयोग खेती में किया जा सकता है:– वर्मीकम्पोस्ट (केंचुआ खाद)– गोबर की खाद– हरी खाद– पत्तियों और जैविक कचरे से बनी खाद
वर्मीकम्पोस्ट एक लोकप्रिय जैविक खाद है।– इसे बनाने के लिए केंचुओं का उपयोग किया जाता है।– केंचुआ खाद को मिट्टी में मिलाने से नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, और पोटाश की मात्रा बढ़ती है।
गोबर की खाद एक पारंपरिक जैविक खाद है, जो हर जगह उपलब्ध होती है।– इसे सीधे खेत में डालकर मिट्टी में मिलाएं।– यह नाइट्रोजन, पोटाश और कार्बनिक पदार्थों का अच्छा स्रोत है।
हरी खाद मिट्टी में नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ाने के लिए उपयोग की जाती है।– हरी खाद बनाने के लिए मूंग, उड़द, और ढैंचा जैसे पौधों को खेत में उगाकर मिट्टी में मिलाया जाता है।– इन पौधों को खेत में ही गलने दिया जाता है, जिससे मिट्टी में पोषक तत्व बढ़ते हैं।
खुद घर पर जैविक खाद बनाने के लिए:– किचन के जैविक कचरे, पत्तियों, और गोबर का उपयोग करें।– एक गड्ढा खोदकर उसमें जैविक सामग्री डालें और नियमित पानी का छिड़काव करें।
जैविक खाद का उपयोग करने के कई फायदे हैं:– यह मिट्टी की संरचना और जल धारण क्षमता में सुधार करता है।– मिट्टी में सूक्ष्मजीवों की संख्या बढ़ती है, जिससे फसल की जड़ों को बेहतर पोषण मिलता है।
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