क्या होता है कालमेघ? कैसे की जाती है इसकी खेती, जानिए सम्पूर्ण जानकारी
कालमेघ की खेती औषधीय पौधे के रूप में की जाती है। कालमेघ को दो अन्य नाम भुईनीम और कडू चिरायता से भी जाना जाता है।
कालमेघ प्राकृतिक रूप से शुष्क जलवायु वाले वनों में पाया जाता है। इसकी ऊँचाई 1 से 3 फीट है। इसकी छोटी फल्लियों में बीज होते हैं।
– कालमेघ यकृत विकारों को दूर करने एवं मलेरिया रोग के निदान हेतु एक महत्वपूर्ण औषधी के रूप में उपयोग होता है।
यह समुद्र तल से 1000 मीटर की ऊँचाई तक पूरे भारतवर्ष में उगाया जा सकता है |
पौधे की बुवाई के लगभग 100-120 दिनों के बाद फसल तैयार हो जाती है। जब पौधे 30-40 सेमी लंबे हो जाएं और पत्तियां अच्छी तरह से विकसित हो जाएं, तब उनकी कटाई की जाती है।
Tractor lena ho toh tractobird se...
ट्रैक्टर और ऑफर्स की जानकारी के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें