सिल्क की साड़ियों में इस्तेमाल होने वाले कीड़े की खेती की महत्तपूर्ण जानकारी 

सेरीकल्चर क्या है?

रेशम एक प्राकृतिक रेशा है, रेशम उत्पादन या इसकी खेती को सेरीकल्चर कहते है। रेशम किट पालन कर के किसान अच्छा - खासा मुनाफा कमा सकते है। 

 भारत में 2 तरह का रेशम उत्पादन किया जाता है।

– शहतूती रेशम या मलबरी सिल्क जिसका उत्पादन जम्मू कश्मीर, कर्नाटक, आंध्रा प्रदेश, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में किया जाता है। – बिना शहतूत वाले या नहन मलबरी सिल्क उत्पादन झारखण्ड, छत्तीसगढ़, ओडिशा, उत्तेर प्रदेश और उत्तर पूर्वी राज्यों में किया जाता है।

शहतूत की खेती की जानकारी

रेशम किट पालन करने के लिए आपको शहतूत की खेती करनी होगी। उसके लिए खेत को जोत कर अच्छे से तैयार कर ले इसके बाद 4x4 फ़ीट की दुरी पर पोधो का रोपण करे इस प्रकार एक एकड़ में 2700 से 3600 पौधे लगा सकते है।

कैसे करे कीटों  का रख - रखाव

साफ सुथरी जगह का चुनाव करें। रखरखाव के लिए ट्रे, बास और टैंक का प्रयोग करें। कीटांडु से प्रस्फुटित किट बहुत ही कोमल होते है। इस अवस्था में इनको केवल कोमल पत्ते ही देने चाहिए। 

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