करौंदे की खेती करके आप भी कमा सकते हैं लाखों रूपए का मुनाफा
कैसे होते हैं करोंदे के फल?
करौंदा के फल खट्टे और स्वाद में कसैले होते हैं. आयरन का प्रचुर स्रोत होने के कारण एनीमिया रोग के उपचार में खासकर महिलाओं के लिए फायदेमंद होते हैं।
किस्में
करौंदा की प्रमुख किस्में कोंकण बोल्ड, सी.एच.ई.एस.के-II-7, सी.एच.ई.एस.के-वी-6 आदि हैं. पौधे बीज से तैयार किए जाते हैं. इसके अलावा, मरु गौरव, थार कमल, पंत सुवर्णा, पंत मनोहर, पंत सुदर्शन हैं.
रोपाई और सिंचाई
अगस्त-सितंबर माह में पूरे पके हुए फलों से बीज निकालकर जल्द ही पौधशाला में बो दें. इसकी बुवाई जुलाई-अगस्त महीने में करनी चाहिए. शुरुआती वर्षो में नाइट्रोजन के इस्तेमाल से पौधा तेजी से बढ़ता है और जल्दी ही झाड़ीदार हो जाता है.
तुड़ाई और उपज
करौंदा के पेड़ों में तीसरे साल से फूल और फल की शुरुआत होती है. फूल, मार्च में लगने शुरू होकर जुलाई तक लगते हैं.