किसान भाइयों अगर आप धान की सीधी बुवाई करना का सोच रहे है तो सबसे पहले आपको समय का विशेष ध्यान रखना होगा। जून के प्रथम सप्ताह से 20 जून तक धान की सीधी बुवाई का उपयुक्त समय होता है।
धान की सीधी बुवाई के लिए खेत की तैयारी
धान की सीधी बुवाई करने के लिए सबसे पहले खेत की गहरी जुताई करनी पड़ती है। इसके बाद 2-3 जुताई कल्टीवेटर या हैरो से करे और अंत में भूमि समतल करनेवाला पाटा लगा कर खेत को समतल करे।
धान की उन्नत किस्मों का चुनाव कैसे करे?
कम समय में पकने वाली एवं ज्यादा उपज देने वाली किस्मों का चुनाव करे। धान की दो प्रकार की किस्में होती है बासमती किस्में और संकर एवं मोटे धान की किस्में।
धान की बुवाई के लिए बीज एवं बीज मात्रा
खेत तैयार करने के बाद देशी हल या सीड ड्रिल की सहयता से बुवाई करे। पंक्ति से पंक्ति की दुरी एवं बीज की गहराई सुनश्चित करें। बुवाई के समय खेत में नमी होना आवश्यक है।
धान की बुवाई के लिए बीज उपचार
बुवाई करने से पहले बीज का उपचार करना बहुत आवश्यक होता है। इसके लिए 10 किलोग्राम बीज को 20 ग्राम carbendazim + 1 ग्राम स्ट्रेप्टोसाइक्लिन को 10 लीटर पानी में घोलकर बीज को 24 घंटे तक भिगों कर रखें।
धान की बुवाई के लिए सिचाई प्रबंधन
प्रथम सिंचाई बीज की बुवाई के 10-15 दिनों बाद की जा सकती है। इससे गहराई तक जड़ो को जमने तथा सूखे के प्रति प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने में सहायता मिलती है।
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