ज्यादातर ठंडे मौसम में गाजर उगाई जाती है। ठंडे मौसम में गरम दिन होने पर भी गाजर की उपज कम होती है और रंग बदलती है। गाजर एक जड़ फसल है जो की मिट्टी के नीचे पैदा होती है।
गाजर की बुवाई के लिए खेत की तैयारी
गाजर की बुवाई के लिए खेत तैयार करने के लिए सबसे पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करनी चाहिए, फिर दो से तीन जुताई कल्टीवेटर या देशी हल से करके खेत को भुरभुरा बनाना चाहिए।
फसल में जल प्रबन्धन
बुवाई के बाद नाली में पहली सिंचाई करनी चाहिए जिससे मेंड़ों में नमी बनी रहे बाद में 8 से 10 दिन के अंतराल पर सिंचाई करते रहना चाहिएI
गाजर की कटाई और पैदावार
गाजर की जड़ें जब अच्छे से खाने योग्य हो जाएं तभी इसकी खुरपी द्वारा खुदाई करनी चाहिए, जिससे जड़ें कटे ना और गुणवत्ता अच्छी बनी रहे जिससे कि बाजार में अच्छा भाव प्राप्त हो सकेI