अमरूद को उष्णकटिबंधीय एवं उपोष्णकटिबंधीय जलवायु में सफलतापूर्वक उगाया जा सकता है। 1000-1500 मीटर समुद्र तल की ऊंचाई तक अमरूद की खेती की जाती है।
अमरूद की पौध की तैयारी
बीज के माध्यम से बाग उगाना उचित नहीं है। इसलिए, व्यावसायिक प्रसार पैच बडिंग, एयर लेयरिंग और इनार्चिंग द्वारा किया जाता है। एक शाखा का मिट्टी के स्तर तक झुकना और अंतिम भाग को छोड़कर मिट्टी से ढक देना लेयरिंग कहलाता है।
पौधों की रोपाई
जिस बाग़ में रोपण का कार्य करना है। सबसे पहले उस बाग़ को अच्छी तरह से साफ कर लेना चाहिए और सारे खरपतवार नष्ट कर देने चाहिए। अमरूद की रोपाई जुलाई-अगस्त में की जा सकती है।
अमरूद की तुड़ाई
कलमी पौधे 2-3 वर्ष की उम्र में फल देने लगते हैं। 5वें वर्ष के पोधो से अधिक पैदावार प्राप्त होती है। परिपक्व होने पर फलों का रंग गहरे हरे से हरे पिले रंग में बदल जाता है।