खुशखबरी: ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने गोबर से चलने वाले ट्रैक्टर का अविष्कार किया है

By : Tractorbird News Published on : 13-Jan-2023
खुशखबरी:

Tractor T7: डीजल-पैट्रोल के दामों में आए दिन बढ़ोत्तरी की वजह से हमारे वैज्ञानिकों ने एक ऐसे ट्रैक्टर का आविष्कार किया है, जो गोबर से निर्मित ईंधन के माध्यम से संचालित होता है। 

इस ट्रैक्टर से किसान खेती पर किए जा रहे खर्च को काफी कम करने के साथ साथ प्रदूषण को भी शून्य कर सकते हैं। वर्तमान में जो आधुनिकता बढ़ती जा रही है इसमें तकनीक भी बेहतरीन होती जा रही हैं। आजकल कृषि के क्षेत्र में भी तकनीक के अच्छे खासे उदाहरण सामने आ रहे है।  

आजकल प्रचलित तकनीकों द्वारा कृषि हेतु मृदा पर निर्भरता को बिल्कुल समाप्त कर दिया है। ऐसी तकनीक भी मौजूद हैं, जो पानी में खेती के माध्यम से पानी की बचत करने की राह दिखाई है। कृषि में होने वाले खर्च को घटाने के लिए मशीनीकरण एवं ग्रीन एनर्जी (Green Energy) के उपयोग को प्राथमिकता दी जा रही है। 

हालांकि, डीजल-पैट्रोल के बढ़ते भावों से आज तक कृषकों को राहत नहीं मिल पाई है। आज भी बहुत से किसान डीजल संचालित उपकरणों से सिंचाई किया करते हैं, इसको अब सोलर पंप से परिवर्तित कर दिया गया है। 

क्या है ब्रिटिश वैज्ञानिकों का नया अविष्कार

कृषि परिवहन हेतु उपयोग होने वाले ट्रैक्टरों के डीजल-पैट्रोल में होने वाले खर्च को कैसे कम किया जाए। ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने इस समस्या का समाधान निकाल लिया गया है। ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने ब्रिटेन की एक सबसे बड़ी कंपनी के साथ मिलकर गोबर से निर्मित ईंधन से चलने वाले ट्रैक्टर का आविष्कार किया है।

वर्तमान में गोबर ग्रामीण क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ दिशा की ओर अग्रसर करने में अहम भूमिका निभा रहा है। अब वैज्ञानिकों द्वारा किए गए इस सराहनीय और सहायक कार्य को कृषि जगत के लिए काफी उत्तम कदम के रूप में देखा जा रहा है।

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जलवायु परिवर्तन से संरक्षण में सहायक भूमिका निभाता है आधुनिक ट्रैक्टर T7 

जलवायु परिवर्तन के पीछे बहुत सारी वजह होती हैं। प्रदूषण भी इसका एक प्रमुख कारण है। डीजल-पैट्रोल के उपयोग से भी पर्यावरण बहुत ज्यादा प्रभावित हो रहा है। इस तरह की स्थिति में गोबर से निर्मित ईंधन द्वारा संचालित ट्रैक्टर कृषि करने के तरीके में काफी परिवर्तन लाएंगे। खेती की लागत को भी कम करेंगे। 

विशेषज्ञों के अनुसार, गोबर निर्मित ईंधन से संचालित यह ट्रैक्टर अन्य साधारण ट्रैक्टर की भाँति ही कार्य करता है। खास बात यह भी है, कि इस ट्रैक्टर द्वारा बिल्कुल भी प्रदूषण नहीं होता है। यह ट्रैक्टर पर्यावरण संरक्षण के मामले में अपनी अहम भूमिका निभाता है।  

आधुनिक ट्रैक्टर T7 किस तरह से संचालित किया जाता है 

मीडिया खबरों के हिसाब से इस आधुनिक ट्रैक्टर T7 के संचालन हेतु लगभग 100 गायों के गोबर को एकत्रित करके बायोमीथेन (Positive Methane) में परिवर्तित किया गया है। आधुनिक ट्रैक्टर T7 के अंदर एक क्रायोजेनिक टैंक भी स्थापित किया गया है, जिसमें गोबर द्वारा निर्मित ईंधन का उपयोग किया जाता है।

क्रायोजेनिक इंजन से लगभग 160 डिग्री तापमान निर्मित होता है, जो बायोमीथेन को तरल में परिवर्तन करने हेतु सहायक होती है। विशेषज्ञों के कहने के अनुसार गोबर से निर्मित बायोमीथेन ईंधन द्वारा 270 BHP का ट्रैक्टर भी चलाया जा चुका है।  

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आधुनिक ट्रैक्टर T7 प्रदूषण से बचाने में बेहद सहयोगी साबित होता है 

आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि इस आधुनिक ट्रैक्टर T7 का निर्माण कोर्निश कंपनी बेनमन ने किया है। इस ट्रैक्टर के प्री-प्रोडक्शन मॉडल का एक वर्षीय परीक्षण भी संपन्न किया जा चुका है। साउथ-वेस्ट इंगलैंड के कॉर्नवॉल काउंटी में इस परीक्षण को किया गया था। 

परीक्षण के दौरान जो बात सामने आयी है, वह यह है, कि मात्र एक वर्ष के अंतर्गत कार्बन-डाई-ऑक्साइड का उत्सर्जन 2500 मीट्रिक टन से 500 मीट्रिक टन तक घट गया है। यही कारण है, कि इस ट्रैक्टर को पर्यावरण हितैसी की श्रेणी में स्थापित किया गया है।

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