बिहार सरकार सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर मेकेनाइजेशन योजना (2022-23) के तहत कृषि यंत्र बैंक बनाने के लिए सहायता दे रही है। इस योजना के तहत 31 जनवरी 2023 तक आवेदन किया जा सकता है। इस योजना का उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों को कृषि मशीनें खरीदने में मदद करना है। बिहार सरकार कृषि विभाग के मुताबिक, राज्य के सभी जिलों में कुल 150 कृषि यंत्र बैंक/ कस्टम हायरिंग सेंटर बनाने का लक्ष्य है। इसकी लागत 10 लाख रुपये तक आएगी। इसमें राज्य सरकार अधिकतम 40% तक सब्सिडी देगी, यानी 4 लाख रुपये तक सब्सिडी मिलेगी।
रूरल, उद्यमी, जीविका के समूह, ग्राम संगठन, कलस्टर फेडरेशन, आत्मा से संबद्ध फार्मर इंट्रेस्ट ग्रुप (FIG), नाबार्ड/नेशनलाइज्ड बैंक से संबद्ध किसान क्लब, Farmer Producer Organization (FPO), सेल्फ हेल्प ग्रुप (SHG), उद्यमी (Entrepreneur) अप्लाई कर सकते हैं।
जीविका के समूह, ग्राम संगठन, कलस्टर फेडरेशन, आत्मा से संबद्ध फार्मर इंट्रेस्ट ग्रुप (FIG), नाबार्ड/नेशनलाइज्ड बैंक से संबद्ध किसान क्लब, Farmer Producer Organization (FPO), सेल्फ हेल्प ग्रुप (SHG), उद्यमी (Entrepreneur) और प्रगतिशील कृषकों को कृषि यंत्र बैंक बनाने का सुनहरा मौका है। कृषि यंत्र बैंक बनाने को सहायता के लिए http://farmech.bih.nic.in पर 31.01.2023 तक आवेदन किया जा सकता है।
प्रत्येक कृषि यंत्र बैंक के लिए फसल चक्र के अनुसार टैक्टर चालित या स्वचालित- जुताई, बुवाई/रोपनी, हार्वेस्टिंग और थ्रेसिंग के ऑपरेशन का कम से कम एक-एक यंत्र लेना जरूरी है। और प्रत्येक कृषि यंत्र बैंक के लिए फसल अवशेष प्रबंधन के लिए चिन्हित्त यंत्रो में से कम से कम तीन यंत्रो को खरीदना अनिवार्य है।
राज्य सरकार ने कृषि यंत्र बैंक बनाने के लिए कुछ गांवों का चयन किया है। बिहार के 25 जिलों में कुल 160 कृषि यंत्र बैंक बनेंगे। इनमें अरवल, भागलपुर, भोजपुर, बक्सर, दरभंगा, गोपालगंज, जहानाबाद, कैमूर, किशनगंज, लखीसराय, मधेपुरा, मधुबनी, मुंगेर, नालंदा, पश्चिम चम्पारण, पटना, पूर्वी चम्पारण, रोहतास, सहरसा, समस्तीपुर, सारण, शिवहर, सीवान, सुपौल और वैशाली शामिल हैं। बिहार सरकार फसल अवशेष प्रबंधन के लिए कुल 21 स्पेशल कस्टम हायरिंग सेंटर बनाएगी। योजना में औरंगाबाद, भोजपुर, बक्सर, गया, कैमूर, नालंदा, नवादा, पटना और रोहतास जिले शामिल है।
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यहां कृषि यंत्र बैंक बनाने की कुल लागत 10 लाख रुपये है इस पर राज्य सरकार अधिकतम 80% या 8 लाख रुपये तक की सब्सिडी देगी। स्पेशल कस्टम हायरिंग सेंटर के लिए 55 PTO HP तक के ट्रैक्टर पर 40% अधिकतम 3.40 लाख रुपये सब्सिडी मिलेगी। जबकि अन्य यंत्रों पर 80% सब्सिडी मिलेगी जो अधिकतम 12 लाख रुपये होगी।