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कृषि यंत्रीकरण योजना के चलते कृषि उपकरणों के क्रय हेतु अनुदान दिया जाता है, जिससे कृषि क्षेत्र में मशीनीकरण को प्रोत्साहित किया जा सके। इस योजना में फिलहाल हैप्पी सीडर को खरीदने हेतु 75 से 80०% तक अनुदान दिया जा रहा है। इन दिनों कृषि भी आधुनीकरण की तरफ बढ़ती जा रही है। नवीन तकनीकों एवं उन्नतशील विधियों द्वारा फसलों का उत्पादन काफी सुगम हो गया है। विभिन्न तकनीकें न केवल कृषकों की लागत कम कर रही हैं, साथ ही, इससे फसल को भी मौसमिक प्रभाव, कीट संक्रमण, रोग का प्रकोप एवं सड़ने-गलने की दिक्कतों से राहत मिल रही है। खेती में मशीनीकरण को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। फिलहाल, किसानों को जिन कार्यों में काफी समय लगता था, उसको अब कृषि यंत्रों की सहायता से एक दिन में संपन्न कर लिया जाता है। बतादें कि, बाजार में कृषि की तैयारी से लेकर कटाई एवं प्रसंस्करण तक के उपकरण उपलब्ध हैं, जो कि कृषकों को बेहद कम मूल्यों पर प्रदान करवाई जाती है। इन कृषि उपकरणों के खरीद का अत्यधिक भार कृषकों पर ना पड़े। इसलिए केंद्र एवं राज्य सरकारें अनुदान के रूप में आर्थिक सहायता प्रदान करती हैं, हाल ही में बिहार सरकार द्वारा भी इसी तरह की योजना चलाई गयी है, जिसके माध्यम से कृषकों को हैप्पी सीडर खरीदने को 80 प्रतिशत अनुदान धनराशि मिलेगी। अब हम इस लेख के जरिये जानेंगे कि कैसे इन लाभकारी योजनाओं का लाभ लिया जा सकता है।
बिहार कृषि विभाग द्वारा किसानों की बेहतरी के लिए कृषि यंत्रीकरण योजना लागू की है, जिसके माध्यम से हैप्पी सीडर खरीदने पर कृषकों को अनुदान प्रदान किया जा रहा है। इस योजना के जरिये सामान्य श्रेणी के कृषकों को 75 फीसद अनुदान निर्धारित किया है, हैप्पी सीडर खरीदने हेतु अधिकतम 1,10,000 रुपये दिए जाएंगे। साथ ही, अत्यंत पिछड़ा, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति हेतु 80 प्रतिशत अनुदान प्रदान किया जा रही है। इन विशेष वर्गों के कृषकों को जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अति आवश्यक है, जिसके उपरांत 1,20,000 तक की आर्थिक सहायता प्राप्त होगी।
कृषि यंत्रीकरण योजना के चलते हैप्पी सीडर की खरीद हेतु आर्थिक मदद प्राप्त करने हेतु कृषकों को बिहार का मूल निवासी होना अत्यंत आवश्यक है। यदि किसान चाहें तो आवेदन से पूर्व सम्पूर्ण जानकारी हेतु स्वयं जनपद के समीप कृषि विभाग के कार्यालय में संपर्क करें। बिहार कृषि विभाग की ऑफिशियल साइट https://dbyagriculture.bihar.gov.in/ पर कृषक अपना पंजीयन भी करा सकते हैं। ज्यादा जानकारी हेतु हेल्पलाइन नंबर- 1800-3456-214 पर भी कॉल करके संपर्क कर सकते हैं।
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गेहूं की तरह कई नकदी फसलों की बुवाई हेतु हैप्पी सीडर मशीन का उपयोग किया जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, हैप्पी सीडर मशीन द्वारा बीजारोपण करने पर गेहूं की बुवाई के खर्च में कमी होती है। साथ ही, पराली जलाने की समस्या ही नहीं आती, हैप्पी सीडर मशीन को टर्बो हैप्पी सीडर मशीन के नाम से भी जाना जाता है, इसको ट्रैक्टर के पीछे लगाकर चलाया जाता है। इस मशीन से गेहूं की बुवाई के साथ-साथ भूमि में जमी हुई धान की ठूंठ को भी समाप्त किया जा सकता है। जिसके उपरांत धान के यही अवशेष खाद में बदल जाते हैं एवं गेहूं का उत्पादन बढ़ाते हैं।