आजकल हर तरफ इलेक्ट्रिक व्हीकल की चर्चा है, जिससे की पर्यावरण और बढ़ते ईंधन के खर्चे से निजात पाई जा सके। वैसे भी डीजल, पेट्रोल और कोयले की भी एक सीमा है, जो कि धीरे-धीरे समाप्ति की ओर जानी ही है। हर तरफ इलेक्ट्रिक कार, बाइक और अब किसानों के लिए सबसे जरूरी ट्रेक्टर भी इलेक्ट्रिक आने लगे हैं।
इसी कड़ी में इलेक्ट्रिक ट्रेक्टर के स्टार्टअप कंपनी को मुरुगप्पा ग्रुप ने 100% हिस्सेदारी के साथ खरीद लिया है। मुरुगप्पा ग्रुप ने इलेक्ट्रिक ट्रेक्टर स्टार्टअप कंपनी सेलेस्टियल ई-मोबिलिटी में पहले 70% हिस्सेदारी और अब शेष 30% भी खरीद कर 100% मालिकाना हक़ रखती है।
ये एक भारतीय समूह कंपनी है, जिसका मुख्यालय दक्षिण भारत के चेन्नई शहर में है। कंपनी की स्थापना 1900 में हुई थी और यह भारत के सबसे पुराने और सबसे बड़े व्यापारिक समूहों में से एक है। इसमें वित्त, इंजीनियरिंग, अपघर्षक, जैव-विज्ञान, कृषि और अन्य विभिन्न उद्योगों में व्यवसायों का एक विविध पोर्टफोलियो है।
समूह की भारत में मजबूत उपस्थिति है और इसने विश्व स्तर पर अपने परिचालन का विस्तार भी किया है। मुरुगप्पा समूह के भीतर कुछ प्रसिद्ध कंपनियों में चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट एंड फाइनेंस कंपनी, कार्बोरंडम यूनिवर्सल और ट्यूब इन्वेस्टमेंट्स ऑफ इंडिया शामिल हैं। समूह स्थिरता और कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के लिए जाना जाता है।
Cellestial E-Mobility की ऑफिसियल वेबसाइट की माने तो ये भारत का पहला इलेक्ट्रिक ट्रेक्टर है जो की 27 से 55 HP की रेंज में आता है। कंपनी 4 अप्रैल 2019 को हैदराबाद में रजिस्टर्ड हुई थी और 3 साल 9 महीने के अंदर ही कंपनी ने अच्छी ग्रोथ के साथ मुरगप्पा ग्रुप को कंपनी को बेच दिया।
ये भी पढ़ें: Solis 4515 E ट्रैक्टर है फीचर्स से भरपूर जो आपकी खेती कार्य को आसान बना देगा
मुरुगप्पा जैसे बड़े ग्रुप का इस कंपनी में अपनी रूचि दिखने का मतलब है, कि अब वो इस व्यवसाय को नेक्स्ट लेवल पर लेकर जाने वाले हैं। सूत्रों की मानें तो 211. 9 करोड़ में मुरुगप्पा ग्रुप ने इस स्टार्टअप को खरीदा है।
आने वाले समय में अगर टेक्नोलॉजी अच्छे से काम कर गई, तो इससे किसानों को बहुत फायदा होगा। जो कि हम निम्नलिखित पॉइंट्स में समझेंगें: