डीजल खपत को कम करके ट्रेक्टर की जीवनावधि बढ़ाने हेतु आवश्यक बातें
By : Tractorbird News Published on : 02-Aug-2024
खरीफ सीजन की शुरुआत के साथ-साथ मानसून ने भी दस्तक दे दी है। बरसात के समय में खेतों में जुताई करने पर ट्रैक्टर को काफी अधिक दबाव का सामना करना पड़ता है।
इससे ट्रैक्टर डीजल की ज्यादा खपत करता है। लेकिन कुछ बातों को मद्देनजर रखते हुए कुछ सीमा तक डीजल को बचाया जा सकता है।
ट्रैक्टर की बेहतर ढ़ंग से देखरेख के साथ साथ सहजता से दीर्घ संचालन के लिए बेहद जरूरी है, कि उसकी देखरेख सही ढ़ंग से की जाए।
इससे ट्रैक्टर में कीमती डीजल की अत्यधिक खपत को न्यूनतम किया जा सकता है। ट्रैक्टर में आपको जब भी कुछ भी गड़बड़ लगे तो फौरन किसी अनुभवी और अच्छे गैराज अथवा ट्रैक्टर विक्रेता को जरूर दिखाएं।
ध्यान देने योग्य अत्यंत आवश्यक बातें
- ट्रैक्टर जब कार्यशील अवस्था में ना हो तो इंजन को बंद कर देना चाहिए। फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम का नियमित रूप से रखरखाव करें।
- नियमित समय से एयर फिल्टर साफ कराएं। जगह व मार्ग के अनुरूप सही गीयर में ट्रैक्टर का संचालन करें।
- ट्रैक्टर से जोड़कर संचालित करने वाले यंत्रों का आकार एवं गति ट्रैक्टर की शक्ति के अनुरूप ही होनी चाहिए। ऊंचे से ऊंचे गीयर में चलिए लेकिन ट्रैक्टर से धुआं ना निकले।
- किसान भाईयों को अपने ट्रैक्टर की जांच-पड़ताल प्रति दिन करनी चाहिए।
- यदि हर सेकेण्ड एक बूंद भी टपकती रही तो प्रति वर्ष 2000 लीटर डीजल की हानि होगी।
- पहियों पर खास ध्यान दें ट्रैक्टर के पहियों को पानी का अतिरिक्त भार और छलवां लोहे का वजन डाल कर फिसलने से बचाइए।
- ट्रैक्टर के पहिये की फिसलन कम से कम रखने के लिए उचित मात्रा में ही वजन डालिए।
- खेत का काम समाप्त हो जाये तो अतिरिक्त भार हटा दीजिए। ठीक समय पर टायरों की री-लगिंग करवा लीजिए।
- टायरों को फिर से पहिये पर चढ़ाते समय ध्यान रखिए कि आगे से देखने पर वी ट्रेडों का सिरा नीचे की ओर रहे।
- सड़क के लिए और कृषि कार्यों के लिए टायरों में हवा के अलग-अलग दबाव का सुझाव दिया गया है।