स्वराज का यह माडल सबसे ज्यादा लोकप्रिय है छोटे किसानों में, साल भर में अपनी लागत निकाल लेता है
स्वराज 717
स्वराज 717 स्वराज कंपनी का एक माडल है। यह देश के तमाम छोटे किसानों का सिरमौर है। अत्यंत लघु किसान भी इस ट्रैक्टर का इस्तेमाल करते हैं। 15 एचपी का इंजन इसमें लगा होता है और छोटे जोत के तमाम खेत यह आराम से जोत डालता है। खेती के अलावा भाड़े में भी यह ट्रैक्टर खूब चलता है।
स्पेसिफिकेशन
सिलेंडर-1
एचपी कैटेगिरी-15 एचपी
पीटीओ एचपी-9 एचपी
गियर बाक्स-9 (6 आगे, 3 पीछे)
ब्रेक-डिस्क ब्रेक(ड्राई)
वारंटी-1 साल
कीमत-2 लाख 60 हजार से 2 लाख 85 हजार तक (बेहतर यह हो कि आप शो रूम से असली कीमत पता कर लें)
क्लच-सिंगल
स्टीयरिंग-मैकेनिकल
वजन उठाने की क्षमता-780 किलोग्राम
व्हील ड्राइव-2 डब्ल्यूडी
आरपीएम-2300
कूलिंग-वाटर कूल्ड
एयर फिल्टर-3 स्टेज आयल बाथ
ट्रांसमिशन टाइप-स्लाइडिंग मेश
बैटरी-9 वोल्ट
अल्टरनेटर-स्टार्टर मोटर
फारवर्ड स्पीड-25.62 किलोमीटर प्रति घंटा
रिवर्स स्पीड-5.45 किलोमीटर प्रति घंटा
ट्रैक्टर का वजन-850 किलोग्राम
व्हील बेस-1490 एमएम
कुल लंबाई-2435 एमएम
चौड़ाई- 1210 एमएम
ग्राउंड क्लीयरेंस-260 एमएम
व्हील ड्राइव-2 डब्ल्यूडी
फ्रंट-5.2 गुने 14
बैक-8 गुने 18
1. इंजन
स्वराज 717 का इंजन 15 एचपी का है। इसमें 1 सिलेंडर हैं। यह एक हल्का ट्रैक्टर है लेकिन इसकी परपार्मेंस बेजोड़ है।
2. सिंगल क्लच
इसमें सिंगल क्लच हैं। गियरों की शिफ्टिंग आसानी से हो जाती है।
3. मैकेनिकल स्टीयरिंग
इस प्रोडक्ट में मैकेनिकल स्टीयरिंग हैं लेकिन ये बहुत हार्ड नहीं हैं।
4. कैनोपी
थोड़ा अतिरिक्त धन देकर आप इसके मल्टी प्लास्टिक और मल्टी फैब्रिक से बने कैनोपी भी ले सकते हैं जो आपको धूप और बारिश, दोनों से बचाता है।
5. आरामदायक सीट
स्वराज 717 की सीट आरामदायक है। इसमें सस्पेंशन तो नहीं है पर जो फोम है, वह उच्च गुणवत्ता वाला है। आप घंटों इस पर बैठ सकते हैं।
6. इंडिकेटर गार्ड
ट्रैक्टर में चार इंडिकेटर गार्ड लगे हैं। दो आगे, दो पीछे।
7. रख-रखाव
यह दावा किया जाता है कि इस माडल के ट्रैक्टर के रख-रखाव में कोई खर्च नहीं होता। हां, 2000 किलोमीटर के बाद एर बार इसकी सर्विसिंग जरूरी हो जाती है।
8. भार उठाने की क्षमता
कंपनी दावा करती है कि उनके इस माडल में इतनी क्षमता है कि एक बार में 780 किलो का वजन उठा सकती है। इसके साथ ही इसे इस तरीके से डिजाइन किया गया है कि यह किसी भी सड़क पर आराम से चल सके।
9. एवरेज प्रति लीटर
कंपनी की वेबसाइट के मुताबिक, इस माडल का एवरेज एक लीटर डीजल में 12 किलोमीटर चलने की क्षमता है।
स्वराज 717 में लगने वाले कृषि उपकरण
इसमें आधुनिक कृषि के प्रायः सभी उपकरण फिट हो जाते हैं। उनके लिए अलग-अलग प्वाइंट्स दिये गए हैं। कंपनी की वेबसाइट के अनुसार, इस माडल में आराम से रोटावेटर, डिस्क हैरो, कल्टीवेटर, रोटो बीज ड्रील आदि लगाए जा सकते हैं।
स्वराज 717 क्यों खरीदें
बेशक इसका इंजन 15 एचपी का ही है पर इसके परफार्मेंस में कोई कमी नहीं। हां, यह छोटे किसानों के लिए है जिनकी जोत छोटी है। किसानों को इसकी बनावट, विश्वसनीयता और कीमत लुभाती है। इस प्रोडक्ट को खरीदने के लिए सरकार भी मदद करती है। मध्य प्रदेश समेत कई अन्य राज्यों में इस ट्रैक्टर की खरीद के लिए सरकार सब्सिडी भी देती है। अनेक बैंक भी इसे फाइनांस करते हैं और वह भी कम ब्याज दरों पर। स्वराज कंपनी भी इसे विभिन्न चैंनलों से फाइनांस करवाती है। तो ऐसे किसान, जो अब तक हल-बैल से खेती कर रहे थे, उनके लिए ट्रैक्टर का अनुभव इसी स्वराज 717 से प्रारंभ होता है। उनकी खेती के तौर-तरीके इसी ट्रैक्टर से बदलते हुए हम देख सकते हैं। इस ब्रांड की लोकप्रियता का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि बिहार के प्रायः सभी गांवों में एक से दो ट्रैक्टर आपको इस माडल के मिल जाएंगे। यही इस ब्रांड की सफलता का प्रतीक माना जा सकता है। इसकी रीसेल वैल्यू करीब 55 फीसद तक है।
अन्य इस्तेमाल
इस ट्रैक्टर का इस्तेमाल आप खेती में तो करते ही हैं, आप चाहें तो अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए इसके अन्य इस्तेमाल भी कर सकते हैं। जैसे, आप इस ट्रैक्टर से खाद, बीज, कीटनाशक आदि भी मंगवा सकते हैं। इतना ही नहीं, आप चाहें तो इस ट्रैक्टर का इस्तेमाल सीमेंट, बालू, ईंट, छड़ आदि ढोने में भी कर सकते हैं। आखिर 1500 किलोग्राम वजन उठाने की क्षमता है इसकी। इसके अन्य इस्तेमाल करके आप हर दिन अच्छा-खासा पैसा कमा सकते हैं।
किराये पर दे सकते हैं
इस ट्रैक्टर को आप किराये पर भी दे सकते हैं। इस ट्रैक्टर में आपको सिर्फ ट्राली लगानी होती है। उस ट्राली में 20 से 25 आदमी आराम से बैठ सकते हैं। इनसे होने वाली आमदनी आपके लिए एक्सट्रा इनकम होती है। इसके अतिरिक्त आप अपना ट्रैक्टर उन लोगों को भी दे सकते हैं, जो खेती तो करते हैं पर उनके पास खुद का ट्रैक्टर नहीं है। पूरे देश में किराये पर ट्रैक्टर देने का प्रचलन है और इस खास माडल के ट्रैक्टर को तो लोग खास तौर पर किराये पर लेते हैं। इनका भुगतान प्रति घंटे के हिसाब से होता है। बिहार और उत्तर प्रदेश के बड़े इलाकों में सर्वाधिक यही माडल किराये पर चलाया जा रहा है। यह हर तरीके से फायदे का सौदा है। किसान इसे समझते हैं और उसी के हिसाब से इसे तैयार भी रखते हैं।