किसी भी ट्रैक्टर को चलाने के लिए इंजन और फ्यूल सबसे महत्वपूर्ण होते हैं। फ्यूल इंजेक्शन पंप डीजल इंजन तक फ्यूल पहुंचाता है। यह कैसे काम करता है, क्या होता है और कितने प्रकार का है?
इस लेख में आपको इसका पूरा विवरण मिलेगा।
डीजल इंजन वाले वाहनों में अक्सर फ्यूल इंजेक्शन पंप होते हैं। डीजल इंजन वाले वाहनों में फ्यूल इंजेक्शन पंप का काम दिल की तरह है। इसे फ्यूल इंजेक्टर और फिल्टर के बीच में रखा जाता है।
यह भी डीजल इंजन वाले ट्रैक्टरों को चलाते ही काम करने लगता है। वाहन की स्पीड के अनुसार फ्यूल लोड बदलता रहता है। अब फ्यूल इंजेक्शन पंप का कार्य बहुत महत्वपूर्ण हो गया है।
ऐसे समय पर ही इंजन तक फ्यूल इंजेक्शन पंप आवश्यक मात्रा में फ्यूल भेजता है। यह फ्यूल को कम्प्रैस करता है, इसका प्रैशर बढ़ाता है और कैम प्लंजर को उठाता है, फिर फ्यूल इंजेक्टर में जाता है। यह समय भी नियंत्रित करता है।
तीन प्रकार के फ्यूल इंजेक्शन पंप होते हैं। इनमें कॉमन रेल इंजेक्शन पंप, डिस्ट्रीब्यूटर फ्यूल इंजेक्शन पंप और इनलाइन फ्यूल इंजेक्शन पंप शामिल हैं।
इनलाइन फ्यूल इंजेक्शन पंप में हर सिलेंडर के लिए एक पम्पिंग एलीमेंट और एक अलग फ्यूल लाइन है जो इंजेक्टर तक फ्यूल ले जाती है।
डिस्ट्रीब्यूटर फ्यूल इंजेक्शन पंपों में एक ही पम्पिंग एलीमेंट होता है। जो सिलेंडर ऑर्डर के अनुसार फ्यूल प्रदान करता है।
इसमें एक रोटर है, जो सिलेंडर के अनुसार फ्यूल इनलेट होल और आउटपुट होल बनाता है। इंजन के फायरिंग ऑर्डर के अनुसार ही यह सप्लाई करता है।