खेती में ट्रैक्टर बहुत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे किसानों को कम समय और कम खर्च में खेती-किसानी के कई कठिन कार्यों को आसानी से पूरा करने में मदद करते हैं।
कृषि तकनीक में समय के साथ सुधार हो रहा है, साथ ही मशीनों की क्षमता को बढ़ाने के लिए नवीनतम तकनीक को अपनाया जा रहा है, जिससे उत्पादकता में वृद्धि हो रही है।
आपने देखा होगा कि खेतों में काम करने से पहले ट्रैक्टर के टायरों में पानी भरा जाता है।
बैलैस्टिंग ऑफ़ टायर्स नामक प्रक्रिया में ट्रैक्टर के टायरों में लगभग 60 से 80 प्रतिशत पानी भरा जाता है।
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क्या होती है एयर और वॉटर टाइप वॉल्व ?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ट्रैक्टर के ट्यूबलैस या ट्यूब वाले टायरों में पानी भरा जा सकता है।
खेतीबाड़ी में प्रयोग होने वाले ट्रैक्टरों के टायरों में वॉल्व "एयर एंड वॉटर टाइप" होती है। पानी भरने के बाद दूसरा वाल्व टायर के अंदर की हवा बाहर निकालता है।
किसानों को ट्रैक्टर के टायर को भारी करने के लिए वॉटर बैलेस्टिंग या टायर में पानी भरना चाहिए।
पानी भरने से टायरों का कर्षण बढ़ता है। याद रखें कि घर्षण भार पर निर्भर करता है, और कर्षण घर्षण से जुड़ा होता है।