दूधिया मशरूम की खेती करने से हो सकता हैं लाखों का मुनाफा, जानिए सम्पूर्ण जानकारी
By : Tractorbird News Published on : 06-Aug-2024
वर्तमान में देश के किसान विभिन्न प्रकार की खेती करके अधिक लाभ कमाने में रुचि दिखा रहे हैं। पिछले कुछ सालों में किसानों ने मशरूम की खेती में दिलचस्पी दिखाई है।
मशरूम की कई किस्में होती हैं, लेकिन भारत में बटन मशरूम के बाद दूधिया मशरूम (जिसका वैज्ञानिक नाम कैलोसाईबीइंडिका है) सबसे ज्यादा उगाया जाता है।
दूधिया मशरूम दिखने में बटन मशरूम जैसा होता है, लेकिन इसका तना मोटा, भारी और लंबा होता है।
इसमें कई विटामिन, खनिज और प्रोटीन होते हैं, और यह कम जगह में अधिक मुनाफा देने वाली फसल है, जिसे लंबे समय तक स्टोर किया जा सकता है।
दूधिया मशरूम की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु
- दूधिया मशरूम की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु अधिक तापमान की आवश्यकता होती है।
- इस मशरूम को उगाने के लिए 25-35 डिग्री तापमान और 80-90 प्रतिशत नमी की जरूरत होती है।
- मशरूम को केसिंग परत लगाने और उत्पादन के लिए 30-35 डिग्री तापमान और 80-90 प्रतिशत नमी की जरूरत होती है।
- उच्च तापमान पर दूधिया मशरूम की पैदावार अच्छी होती है। 38-40 डिग्री तापमान इसके लिए सबसे अच्छा होता है।
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दूधिया मशरूम उगाने के लिए फसलों के अवशेष
- दूधिया मशरूम विभिन्न प्रकार की फसलों के अवशेषों पर उगाया जा सकता है, जैसे ज्वार, पुआल, गन्ने की खोई, बाजरा, मक्का की कड़वी और भूसा।
- ध्यान रहे कि अवशेष सूखे हों और भीगे न हों, और दूधिया मशरूम की खेती सूखे अवशेषों पर करें।
- दूधिया मशरूम की खेती में भूसा या पुआल का अधिक उपयोग होता है। उत्पादन कक्ष की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
इसकी खेती से कितना मुनाफा कमाया जा सकता हैं ?
- जब दूधिया मशरूम की टोपी 5 से 6 सेमी मोटी हो जाए, तो इसे घुमाकर तोड़ लें।
- तने के मिट्टी लगे निचले हिस्से को काटकर हटा दें और पॉलिथीन बैग में चार-पांच छेद करके पैक करें।
- 1 किलोग्राम सूखे भूसे से 1 किलोग्राम ताजा मशरूम तैयार होता है।
- इसकी खेती की लागत 10-15 रुपये प्रति किलोग्राम होती है, जबकि बाजार मूल्य 150-250 रुपये प्रति किलो है। इस प्रकार, किसान कम लागत पर अधिक मुनाफा कमा सकते हैं।