गैलार्डिया का पौधा लगभग हर प्रकार की बगीचे की मिट्टी में आसानी से उगाया जा सकता है। यह एक ऐसा पुष्पीय पौधा है जो अधिक धूप, गर्मी और सूखे जैसे कठिन मौसम को आसानी से सहन कर सकता है।
यहाँ तक कि लवणीय मिट्टी में भी इसकी खेती संभव है। इसके फूलों का उपयोग मंदिरों में पूजा, शादी समारोहों और आंतरिक सजावट के लिए किया जाता है।
गैलार्डिया को आम बोलचाल में कंबल फूल या नवरंगा के नाम से जाना जाता है। इसका नाम 18वीं सदी के फ्रांसीसी वनस्पतिशास्त्री गेलार्ड डी चारेनटोन्यू के नाम पर रखा गया था। यह पौधा एक वर्षीय या बहुवर्षीय हो सकता है और लगभग 80 सेंटीमीटर तक ऊंचा होता है।
गर्मी की शुरुआत में इसके पौधों पर पीले किनारों वाले, नारंगी व लाल रंग के आकर्षक फूल खिलते हैं। यह फूल देखने में सुंदर और उपयोग में व्यावसायिक दृष्टि से लाभकारी होते हैं।
गैलार्डिया की खेती गर्म और शुष्क वातावरण में अच्छी होती है। यह पौधा 6–8 घंटे की सीधी धूप सहन कर सकता है।
रेतीली, चिकनी और जलनिकासी युक्त मिट्टी इसकी खेती के लिए उत्तम होती है। मिट्टी का pH तटस्थ होना चाहिए। इस पौधे को बहुत कम देखभाल की आवश्यकता होती है।
1. एरिज़ोना सन – नारंगी और लाल रंग के फूल जिनकी पंखुड़ियाँ पीली होती हैं।
2. फैनफेयर – तुरही आकार के फूल, गहरे लाल और पीले रंग की पंखुड़ियाँ।
3. सनसेट पॉपी – गुलाब जैसे डबल फूल, लाल पंखुड़ियाँ पीली छाया में डूबी होती हैं।
4. गैलार्डिया गेबलीन – गहरे हरे पत्तों के साथ गहरे महरून फूल।
5. बरगंडी कंबल फूल – गहरे लाल/बरगंडी रंग के फूल, पौधे की ऊंचाई 24-36 इंच।
6. मुरब्बा गैलार्डिया – नारंगी फूल, लगभग 2 फुट ऊंचाई, सहारे की जरूरत।
7. संतरा और नींबू – नरम रंग के फूल, पीले केन्द्र वाले, 2 फुट ऊंचे।
ये भी पढ़ें: सूरजमुखी की खेती से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी
खरपतवार फसल के पोषक तत्वों और पानी के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं, जिससे उपज कम होती है।
मल्चिंग एक अच्छा उपाय है।
जरूरत होने पर रासायनिक खरपतवार नाशक (जैसे पेनांट, मैग्नम, एट्रिलीन) का प्रयोग करें – लेकिन पहले एक छोटे क्षेत्र में परीक्षण जरूर करें।