भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (ICAR–IARI), पूसा द्वारा वर्ष 2025 में किसान दिवस को एक नए विचार, नई सोच और नई दिशा के साथ मनाया जा रहा है। इसी क्रम में संस्थान ‘IARI नवोन्मेषी किसान कॉन्क्लेव–2025’ का आयोजन कर रहा है, जो भारतीय कृषि के इतिहास में किसानों को नवाचार का नायक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य खेतों में किसानों द्वारा विकसित तकनीकों, प्रयोगों और नवाचारों को पहचान दिलाना तथा उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर मुख्यधारा में लाना है, ताकि वे अन्य किसानों के लिए प्रेरणा और मार्गदर्शन का माध्यम बन सकें।
भारत में हर वर्ष 23 दिसंबर को किसान दिवस मनाया जाता है, जो देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती के अवसर पर किसानों के योगदान, संघर्ष और भूमिका को सम्मान देने का दिन है।
किसान दिवस न केवल अन्नदाता के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का अवसर है, बल्कि यह आत्मचिंतन का भी समय है कि देश की कृषि को कैसे अधिक सशक्त, टिकाऊ और लाभकारी बनाया जाए। वर्ष 2025 में IARI द्वारा किसान दिवस को नवाचार और किसान नेतृत्व के केंद्र में रखकर मनाया जाना, इस दिन को और अधिक सार्थक बनाता है।
‘IARI नवोन्मेषी किसान कॉन्क्लेव–2025’ भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की उस दूरदर्शी सोच से प्रेरित है, जिसमें उन्होंने कहा था कि “जब तक किसान समृद्ध नहीं होगा, देश सही मायनों में आगे नहीं बढ़ सकता।
” इसी विचारधारा को आत्मसात करते हुए IARI ने इस वर्ष किसान दिवस की थीम **“भारत में किसान नवाचारों का मुख्यधाराकरण”** निर्धारित की है। यह थीम इस बात पर जोर देती है कि किसान केवल तकनीक अपनाने वाला नहीं, बल्कि तकनीक विकसित करने वाला भी है।
इस कॉन्क्लेव की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें शोधकर्ताओं से अधिक भूमिका स्वयं किसानों की होगी। पिछले वर्षों में सम्मानित किसान नवप्रवर्तक इस मंच पर अपने अनुभव साझा करेंगे और बताएंगे कि किस प्रकार उन्होंने सीमित संसाधनों में भी नवाचार कर खेती को अधिक लाभकारी बनाया।
यह आयोजन Farmer-to-Farmer Learning यानी किसान-से-किसान सीख की परंपरा को सशक्त करेगा, जिससे जमीनी स्तर पर विकसित समाधान तेजी से देशभर में अपनाए जा सकें।
IARI के निदेशक डॉ. सी. एच. श्रीनिवास राव के अनुसार, यह दो दिवसीय नवोन्मेषी किसान कॉन्क्लेव 23 और 24 दिसंबर 2025 को आयोजित किया जाएगा।
कार्यक्रम का उद्घाटन डॉ. एम. एल. जाट, सचिव (DARE) एवं महानिदेशक, ICAR द्वारा किया जाएगा। इस आयोजन में देश के 25 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से चयनित किसान भाग लेंगे, जिससे यह मंच एक राष्ट्रीय संवाद केंद्र के रूप में विकसित होगा।
कॉन्क्लेव के दूसरे दिन यानी 24 दिसंबर 2025 को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री भागीरथ चौधरी किसानों से सीधे संवाद करेंगे। इस सत्र में किसान अपने नवाचार, समस्याएं, चुनौतियाँ और सुझाव साझा करेंगे।
इससे नीति-निर्माताओं को जमीनी हकीकत समझने का अवसर मिलेगा और भविष्य की कृषि नीतियों को अधिक व्यवहारिक और किसान-हितैषी बनाने में मदद मिलेगी।
संस्थान के संयुक्त निदेशक (प्रसार) डॉ. आर. एन. पडारिया ने बताया कि कॉन्क्लेव के दौरान कुल छह तकनीकी सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिनमें कृषि के विभिन्न महत्वपूर्ण आयामों पर गहन मंथन होगा। इन सत्रों के प्रमुख विषय होंगे—
‘IARI नवोन्मेषी किसान कॉन्क्लेव–2025’ केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि भारतीय कृषि को नवाचार-आधारित, समावेशी और टिकाऊ बनाने की दिशा में एक दूरदर्शी पहल है। यह मंच किसानों की रचनात्मक क्षमता को पहचान दिलाने के साथ-साथ उन्हें राष्ट्रीय विकास की मुख्यधारा में स्थापित करने का कार्य करेगा।
आने वाले समय में यह कॉन्क्लेव भारतीय कृषि के लिए एक मॉडल बन सकता है, जहाँ किसान ज्ञान का स्रोत और परिवर्तन का वाहक होगा।
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