प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी

By : Tractorbird Published on : 16-Dec-2025
प्रधानमंत्री

भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहां ग्रामीण आबादी का बड़ा हिस्सा खेती पर निर्भर है। कई बार प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़, सूखा, ओलावृष्टि या कीटों के प्रकोप से किसानों की फसलों को भारी नुकसान होता है, जिससे उनकी आजीविका पर संकट आ जाता है। किसानों को ऐसी अनिश्चित परिस्थितियों से सुरक्षा देने के लिए 13 जनवरी 2016 को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) पूरे देश में लागू की गई।


प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना 


इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों की फसल को प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान की भरपाई करना है, जिसके लिए किसानों को बहुत कम प्रीमियम देना पड़ता है।


  •  खरीफ फसलों पर: 2% प्रीमियम
  •  रबी फसलों पर: 1.5% प्रीमियम
  •  वाणिज्यिक/बागवानी फसलों पर: 5% प्रीमियम

शेष प्रीमियम सरकार द्वारा वहन किया जाता है, जिस पर कोई अधिकतम सीमा तय नहीं है—even अगर सरकार को कुल प्रीमियम का 90% तक भरना पड़े।


इस योजना को पूरे देश में भारतीय कृषि बीमा कंपनी (AIC) द्वारा संचालित किया जाता है। “एक राष्ट्र – एक योजना” की अवधारणा पर आधारित PMFBY में सभी पुरानी योजनाओं की कमियों को दूर कर उनकी उपयोगी विशेषताओं को जोड़ा गया है।


योजना के प्रमुख उद्देश्य


 प्राकृतिक आपदा, कीट या रोगों से फसल को हुए नुकसान पर किसानों को बीमा सुरक्षा और आर्थिक सहायता प्रदान करना।

 खेती में निरंतरता बनाए रखना, जिससे किसानों की आय स्थिर रह सके।

 किसानों को नई और आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाने के लिए प्रेरित करना।

 कृषि क्षेत्र में ऋण की उपलब्धता सुनिश्चित करना।


योजना का विस्तार क्षेत्र


PMFBY के तहत लाभ निम्न आधारों पर मिलता है:


 1. अनिवार्य कवरेज


वे किसान जो बैंकों से मौसमी खेती हेतु ऋण लेकर अधिसूचित फसलों की खेती करते हैं, इस योजना में स्वतः शामिल होते हैं।


 2. स्वैच्छिक कवरेज


गैर-ऋणी किसानों के लिए यह योजना पूरी तरह वैकल्पिक है।


 3. विशेष ध्यान


अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिला किसानों को उच्च कवरेज सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रयास किए जाते हैं।


 किन-किन फसलों को मिलता है लाभ?


  •  सभी खाद्य फसलें (अनाज, दालें, मोटे अनाज)
  •  तिलहन फसलें
  •  वाणिज्यिक और बागवानी फसलें

योजना में शामिल जोखिम


 1. बुआई/रोपाई न हो पाना


कम वर्षा या मौसम बिगड़ने से यदि बुआई/रोपाई नहीं हो पाती तो बीमा कवर मिलता है।


 2. खड़ी फसल का नुकसान (बुआई से कटाई तक)


सूखा, बाढ़, चक्रवात, ओलावृष्टि, कीट, रोग, भूस्खलन, प्राकृतिक आग, बिजली गिरना आदि से होने वाला नुकसान शामिल है।


3. कटाई के बाद नुकसान (2 सप्ताह तक)


कटाई के बाद 14 दिनों के भीतर चक्रवात, भारी वर्षा या अनियमित मौसम से फसल खराब होने पर भी कवरेज मिलता है।


 4. स्थानीय आपदाएं


मूसलाधार बारिश, बाढ़, भूस्खलन आदि की वजह से खेत-स्तर पर हुए नुकसान को भी कवर किया जाता है।


बीमा से बाहर रखे गए जोखिम


  •  युद्ध, आतंकी गतिविधियाँ, दुर्भावनापूर्ण क्षति
  •  चोरी
  •  परमाणु विस्फोट
  •  पालतू या जंगली जानवरों द्वारा फसल को नुकसान

योजना के लाभ

  • प्राकृतिक आपदा से हुए फसल नुकसान की भरपाई बीमा कंपनी द्वारा की जाती है।
  • केवल वही किसान लाभ उठाएंगे जिनकी फसल का वास्तविक नुकसान हुआ हो।
  • यह योजना केवल भारतीय किसानों के लिए है।
  • किसानों को सिर्फ निर्धारित प्रीमियम (2%, 1.5%, 5%) देना होता है, बाकी सरकार देती है।

आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज


  •  आधार कार्ड
  •  राशन कार्ड
  •  बैंक पासबुक
  •  निवास प्रमाण पत्र
  •  खेत/खेत की कागजी जानकारी
  •  किसान की फोटो
  •  फसल बुवाई की तारीख

आवेदन कैसे करें?


किसान इस योजना में ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

इसके लिए आधिकारिक वेबसाइट: pmfby.gov.in पर जाकर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।


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