सरसों की इन टॉप 5 किस्मों से होगी जोरदार कमाई, जानें कैसे ?

By : Tractorbird Published on : 21-Nov-2025
सरसों

सरसों की टॉप 5 शानदार किस्में

रबी सीजन में अगर किसान सरसों की जवाहर सरसों-3, राज विजय सरसों-2, पूसा जय किसान, आरएच-725 और आरएच-749 किस्मों की खेती करें, तो बेहतर उत्पादन के साथ अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।

अगर सरसों की खेती करना चाहते हैं, तो आज हम आपको सरसों की कुछ ऐसी बेहतरीन किस्मों की जानकारी देंगे, जिनकी बुवाई करके आप अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं और अच्छी आमदनी अर्जित कर सकते हैं। 

बतादें, कि अक्टूबर से लेकर 20 नवंबर तक का समय रबी सीजन की बुवाई के लिए उत्तम माना जाता है। ऐसे में यदि किसान इन सरसों की उच्च गुणवत्ता वाली किस्मों का चयन करते हैं, तो उन्हें बेहतर मुनाफा मिल सकता है।

1. जवाहर सरसों-3 (Jawahar Sarson-3)

जवाहर सरसों-3 किस्म को पकने में तकरीबन 142 दिन का समय लगता है। इसकी औसत बीज उपज 27.10 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक हो सकती है। 

इस किस्म में तेल की मात्रा लगभग 38% होती है। यह किस्म सिंचित अवस्था में समय पर बुवाई के लिए उपयुक्त है। इसके पौधे मजबूत होते हैं और गिरने की संभावना कम होती है।

2. राज विजय सरसों-2 (Raj Vijay Sarson-2)

राज विजय सरसों-2 किस्म को पकने में लगभग 120–130 दिन का समय लगता है। इस किस्म की उत्पादन क्षमता 20–25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक होती है।

तेल की मात्रा लगभग 37–39% तक होती है। यह किस्म सूखा सहनशील और रोग प्रतिरोधक होती है, इसलिए असिंचित क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है।

3. पूसा जय किसान (Pusa Jai Kisan)

पूसा जय किसान किस्म उत्तर और मध्य भारत की जलवायु के लिए उपयुक्त है। इसको पककर तैयार होने में लगभग 140 दिन का समय लगता है। 

इस किस्म की उत्पादन क्षमता लगभग 18–20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक होती है। किसान इस किस्म की खेती कर काफी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।

4. आरएच-725 (RH-725)

सरसों की आरएच-725 किस्म में तेल की मात्रा लगभग 39% प्रतिशत तक होती है। आरएच-725 किस्म से प्रति एकड़ 12 क्विंटल तक (कुछ क्षेत्रों में 15 क्विंटल तक) उत्पादन हांसिल हो सकता है। आरएच-725 किस्म को पककर तैयार होने में लगभग 140 से 145 दिन का समय लगता है।

5. आरएच-749 (RH-749)

यह नई पीढ़ी की हाईब्रिड किस्म है, जो जलवायु परिवर्तन और तापमान के उतार-चढ़ाव में भी टिकाऊ रहती है। उत्पादन क्षमता 27 से 30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक होती है। इस किस्म में 38-39% तक तेल की मात्रा होती है, जिससे किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी हो सकती है।

बुवाई कैसे करें ?

सरसों की इन किस्मों की बुवाई किसान देसी हल, सरिता या सीड ड्रिल की मदद से कतारों में करें। कतार से कतार की दूरी लगभग 10 से 12 सेंटीमीटर रखें।

बीजों की बुवाई 2 से 3 सेंटीमीटर की गहराई पर करें। इससे पौधों की वृद्धि बेहतर होगी और फल की पैदावार अधिक मिलेगी।

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