गन्ना किसानों के लिए खुशखबरी: कई चीनी मिलों में पेराई शुरू, समय पर भुगतान से बढ़ेगा फायदा

By : Tractorbird Published on : 12-Nov-2025
गन्ना

गन्ना किसानों के लिए यह सीजन खास उम्मीदों के साथ शुरू हुआ है। उत्तर प्रदेश में गन्ना पेराई सत्र 2025-26 की औपचारिक शुरुआत हो चुकी है और प्रदेश की कई चीनी मिलों ने गन्ना पेराई का कार्य आरंभ कर दिया है। किसानों के लिए यह खुशी की बात इसलिए भी है क्योंकि इस बार सरकार ने किसानों को समय पर भुगतान सुनिश्चित कराने के लिए मिलों को कड़े निर्देश दिए हैं।

पिछले कुछ वर्षों में भुगतान में देरी के कारण किसानों को आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ा था, लेकिन इस बार सरकार ने आरंभ से ही भुगतान व्यवस्था को मजबूत करने पर जोर दिया है। इससे किसानों की आर्थिक स्थिति और फसल प्रबंधन दोनों में सुधार की संभावना है।

प्रदेश में कितनी चीनी मिलों ने शुरू किया संचालन 

नए पेराई सत्र में अब तक 21 चीनी मिलों ने पेराई कार्य शुरू कर दिया है, जिनमें 1 सहकारी मिल और 20 निजी मिलें शामिल हैं।

वहीं, 53 से अधिक चीनी मिलों ने गन्ना खरीद के लिए इंडेंट जारी कर दिए हैं, जिसका अर्थ है कि शेष मिलें भी बहुत जल्द अपना संचालन शुरू करने वाली हैं।

गन्ना विभाग ने स्पष्ट किया है कि आने वाले कुछ दिनों में पूरे प्रदेश की लगभग सभी मिलें पूरी क्षमता के साथ कार्यरत हो जाएंगी, जिससे गन्ना आपूर्ति और पेराई प्रक्रिया सुचारु रूप से चल सकेगी।

किस क्षेत्रों में शुरू हुई पेराई प्रक्रिया ?

राज्य के चार प्रमुख चीनी मिल परिक्षेत्रों में इस समय पेराई कार्य सक्रिय रूप से शुरू हो चुका है:

  •  सहारनपुर क्षेत्र की 19 मिलों में से 5 मिलों ने पेराई आरंभ कर दी है।
  •  मेरठ क्षेत्र की 16 में से 8 मिलें सक्रिय हैं।
  •  मुरादाबाद क्षेत्र की 23 में से 2 मिलों में कार्य चालू है।
  •  लखनऊ क्षेत्र की 19 में से 6 मिलों ने सत्र की शुरुआत कर दी है।

विभाग का कहना है कि बाकी मिलों ने भी गन्ना खरीद और मशीनों की तैयारी पूरी कर ली है और बहुत जल्द पेराई गति पकड़ लेगी।

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समय पर भुगतान को लेकर सख्त सरकारी रुख

गन्ना विभाग ने मिल संचालकों को स्पष्ट आदेश दिए हैं कि गन्ना खरीद के 7 दिनों के भीतर भुगतान किसान के बैंक खाते में भेजना अनिवार्य होगा।

इसके लिए:

  • भुगतान प्रक्रिया को डिजिटल और पारदर्शी किया जाएगा।
  • प्रत्येक तौल, भुगतान और रिपोर्टिंग सिस्टम को ऑनलाइन मॉनिटर किया जाएगा।
  • प्रत्येक क्षेत्र के अफसरों को भुगतान की निगरानी की जिम्मेदारी दी गई है।

सरकार ने साफ कहा है कि यदि भुगतान में अनावश्यक देरी की शिकायत आती है, तो संबंधित चीनी मिल के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

किसानों को मिलेगा दोहरा लाभ

इस बार पेराई कार्य समय से शुरू होने का सीधा लाभ किसानों को मिलेगा:

1. समय पर भुगतान मिलने से किसानों की आर्थिक दिक्कत कम होगी और खेत में अगली फसल के लिए बीज, खाद और सिंचाई की व्यवस्था आसानी से हो सकेगी।

2. खेत समय से खाली होने पर किसान गेहूं और अन्य रबी फसलों की बुवाई समय पर कर पाएंगे, जिससे उत्पादन बढ़ने की संभावना है।

विशेषज्ञों का कहना है कि यदि पेराई देर से शुरू होती है, तो खेतों की तयारी में देरी होती है, जिसका असर सीधा रबी फसल की उपज पर पड़ता है। इस बार स्थिति अनुकूल दिखाई दे रही है।

शिकायत पर तुरंत कार्रवाई की व्यवस्था

राज्य सरकार ने किसानों को सलाह दी है कि:

  • गन्ना तौल पर्ची और भुगतान रसीद संभालकर रखें
  • किसी भी तरह की समस्या होने पर नजदीकी गन्ना समिति या जिला गन्ना अधिकारी से संपर्क करें

शिकायत मिलने पर प्रशासन तुरंत जांच कर कार्रवाई करेगा।

पेराई सत्र की प्रगति की समीक्षा जारी

गन्ना विभाग आने वाले हफ्तों में: दैनिक क्रशिंग क्षमता, गन्ना उपलब्धता, भुगतान अनुपालन रिपोर्ट की समीक्षा करेगा। सरकार का उद्देश्य है कि पेराई सत्र व्यवस्थित तरीके से चलता रहे और किसानों को उनकी मेहनत का पूरा मूल्य समय पर मिले। समय पर पेराई और समय पर भुगतान के सरकारी प्रयासों से किसानों में उत्साह बढ़ा है। 

इस वर्ष अनुमान है कि:किसान आर्थिक रूप से मजबूत होंगे, रबी फसलों की बुवाई और उत्पादन में सुधार होगा, गन्ना उद्योग की विश्वसनीयता और दक्षता में बढ़ोतरी होगी। यह कदम न सिर्फ किसानों के लिए फायदेमंद होगा, बल्कि राज्य की कृषि और चीनी उद्योग की साख को भी मजबूत करेगा।

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