किसानों को बकाया बैंक ऋण के बोझ से राहत देने और खेती-किसानी के लिए दोबारा संस्थागत ऋण की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से हरियाणा सरकार ने एक अहम कदम उठाया है।
राज्य के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (पैक्स) से जुड़े किसानों के लिए “एकमुश्त निपटान योजना (OTS)” की घोषणा की है। यह योजना 31 मार्च 2026 तक प्रभावी रहेगी, जिससे बड़ी संख्या में किसानों को अपने पुराने कर्ज निपटाने का अवसर मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने 10 दिसंबर को सिविल सचिवालय में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि बजट सत्र 2025-26 में पैक्स से जुड़े किसानों के अतिदेय ऋण के समाधान के लिए जिस योजना की घोषणा की गई थी, उसी के तहत अब यह एकमुश्त निपटान योजना लागू की गई है। सरकार का उद्देश्य है कि किसान पुराने कर्ज के चक्र से बाहर निकलकर दोबारा खेती के लिए सुलभ और सस्ता ऋण प्राप्त कर सकें।
इस योजना के अंतर्गत यदि किसान पैक्स से लिए गए ऋण की मूल राशि (प्रिंसिपल अमाउंट) समिति के खाते में जमा कर देते हैं, तो उनका पूरा बकाया ब्याज माफ कर दिया जाएगा। सरकार के अनुसार इस योजना से राज्य के 6,81,182 किसान और गरीब मजदूर लाभान्वित होंगे, जिनका कुल 2,266 करोड़ रुपये का ब्याज माफ किया जाएगा। यह कदम किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने और उन्हें दोबारा औपचारिक बैंकिंग व्यवस्था से जोड़ने में मदद करेगा।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि यह योजना उन सभी कर्जदार किसानों पर लागू होगी, जिन्होंने
और जिनका ऋण 30 सितंबर 2024 तक अतिदेय (डिफॉल्ट) हो चुका है। ऐसे सभी पात्र किसान इस योजना के माध्यम से ब्याज माफी का लाभ उठा सकते हैं।
सरकार ने इस योजना में मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए 2.25 लाख मृत किसानों के परिवारों को भी शामिल किया है।
यदि मृत किसान के वारिस ऋण की मूल राशि जमा कर देते हैं, तो उन्हें भी ब्याज माफी का पूरा लाभ मिलेगा। इस श्रेणी में लगभग 900 करोड़ रुपये की ब्याज राशि माफ की जाएगी, जिससे हजारों परिवारों को आर्थिक राहत मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि योजना के तहत मूल राशि जमा करने के एक महीने बाद, किसान अपनी आवश्यकता के अनुसार अगली फसल के लिए नया ऋण भी प्राप्त कर सकते हैं। यह नया ऋण किसानों को तीन किस्तों में उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे वे बीज, खाद, सिंचाई और अन्य कृषि जरूरतों को आसानी से पूरा कर सकें।
एकमुश्त निपटान योजना हरियाणा के किसानों के लिए एक बड़ा राहत पैकेज है, जो उन्हें पुराने ब्याज के बोझ से मुक्त कर खेती की नई शुरुआत करने का अवसर देता है।
ब्याज माफी के साथ-साथ नया ऋण उपलब्ध कराकर सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने, कृषि उत्पादन को सुदृढ़ करने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
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