क्विन्वा की खेती कैसे की जाती है ?
By : Tractorbird News Published on : 27-Jan-2025
क्विन्वा (चेनोपोडियम क्विनोआ) एक बहुपयोगी फसल है जिसे खाद्य और कृषि संगठन ने भविष्य की खाद्य सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण माना है।
यह पौधा 1.5 फीट से 6.5 फीट तक की ऊंचाई प्राप्त कर सकता है और इसके बीज सफेद, पीले, गुलाबी, गहरे लाल, बैंगनी और काले जैसे रंगों में होते हैं।
इसका तना मोटा, सीधा और लकड़ी जैसा होता है, जिसमें शाखाएं हो सकती हैं या नहीं भी हो सकतीं।
इसके पत्ते हंस के पैर के आकार के होते हैं। इस लेख में आप क्विन्वा की खेती की पूरी जानकारी पाएंगे।
क्विन्वा की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु
- क्विन्वा ठंडी जलवायु में बेहतर विकास करती है। इसके लिए छोटे दिन और 18-20°C का आदर्श तापमान उपयुक्त होता है।
- यह 36°C से अधिक गर्मी और -8°C तक की सर्दी सहन कर सकती है। 36°C से अधिक तापमान पर इसका पौधा निष्क्रिय हो जाता है और पराग निष्फल हो जाते हैं।
- इसके कारण बीज बनने में समस्या हो सकती है। इस फसल को उन क्षेत्रों में भी उगाया जा सकता है जो सूखे और कम उपजाऊ मिट्टी के लिए संवेदनशील हैं।
- छोटे दिनों वाली जगहों पर यह जल्दी फूलती है और फसल का चक्र तेज हो जाता है।
मिट्टी की आवश्यकता
- क्विन्वा रेतीली-दोमट से लेकर दोमट-रेतीली मिट्टी में अच्छी तरह उगती है।
- इसे सीमांत भूमि पर भी उगाया जा सकता है, जहां जल निकासी कम हो या मिट्टी कम उर्वरता वाली हो।
- यह अत्यधिक अम्लीय (pH 4.8) या क्षारीय (pH 8.5) मिट्टी में भी पनप सकती है। जल निकासी वाली मुरूम मिट्टी में भी इसकी खेती सफलतापूर्वक की जा सकती है।
- मुरूम मिट्टी में बड़े पत्थर नहीं होने चाहिए, और मिट्टी में पर्याप्त जैविक पदार्थ होना चाहिए ताकि नमी बनी रहे।
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क्विन्वा की बुवाई के लिए भूमि की तैयारी
- क्विन्वा के लिए समतल और जल निकासी वाली भूमि आवश्यक है। रिज और फर प्रणाली का उपयोग करने से जलभराव के कारण होने वाले शुरुआती नुकसान को रोका जा सकता है।
- मिट्टी को ढीला और पत्थर रहित रखना चाहिए। जैविक पदार्थों से समृद्ध मिट्टी में नमी बनाए रखने की क्षमता अधिक होती है, जो बुवाई के लिए फायदेमंद होती है।
बीज बोने की विधि
- क्विन्वा के बीज को मिट्टी के प्रकार और नमी के आधार पर 2 से 5 सेमी की गहराई पर बोया जाता है।
- बीज का आकार छोटा होने के कारण इसे अधिक गहराई पर न बोया जाए। प्रति एकड़ 500-750 ग्राम बीज पर्याप्त है।
- बेहतर अंकुरण के लिए बीज को छनी हुई मिट्टी के साथ 1:3 के अनुपात में मिलाया जाता है।
क्विन्वा को कब बोया जाता है ?
भारत में क्विन्वा की बुवाई के लिए रबी मौसम उपयुक्त होता है। इसे अक्टूबर के मध्य से दिसंबर के मध्य तक बोने पर बेहतर परिणाम मिलते हैं।
खाद और उर्वरक प्रबंधन
- क्विन्वा की बेहतर वृद्धि के लिए प्रति हेक्टेयर 15-20 टन गोबर की खाद मिलाना चाहिए।
- इसके अलावा 100:50:50 (नाइट्रोजन:फॉस्फोरस:पोटाश) की अनुशंसा की जाती है।
- नाइट्रोजन अधिक देने से फसल की पकने में देरी हो सकती है।
फसल की कटाई
- जब पौधे सूखकर हल्के पीले या लाल हो जाते हैं और पत्ते झड़ने लगते हैं, तब फसल काटी जाती है।
- औसतन 5-15 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज होती है। फसल बोने का समय उपज पर असर डालता है।