उड़द की खेती भारत में बड़े पैमाने पर की जाती है। उड़द को नम और गर्म जलवायु पसंद होती है। इसकी बढ़वार के लिए 25-30°C तापमान उत्तम होता है।
इसे 700-900 मिमी वर्षा वाले क्षेत्रों में आसानी से उगाया जा सकता है। हालांकि, फूल आते समय अधिक बारिश और पकने के समय वर्षा से दानों की गुणवत्ता खराब हो सकती है। उड़द की खेती खरीफ और ग्रीष्म दोनों मौसमों में की जा सकती है।
उड़द के बीज पंक्तियों में लगाए जाते हैं। मशीन की मदद से 10-15 सेमी की पंक्ति-दूरी और 4-5 सेमी की बीज-दूरी रखी जाती है। खरीफ में बुवाई जून में और ग्रीष्मकालीन (जायद) बुवाई मार्च-अप्रैल में करें।
उर्द-19, पंत उर्द-30, पीडीएम-1, यूजी-218, नरेन्द्र उर्द-1, डब्ल्यूबीयू-108, डीपीयू 88-31, उत्तरा (आईपीयू-94-1), एलबीजी-17, कृषणा, एच-30, यूएस-131, एसडीटी-3 आदि।
एक एकड़ भूमि के लिए 6-8 किलो बीज पर्याप्त होता है। बीजों को बोने से पहले प्रति किलो पर 3 ग्राम थायरम या 2.5 ग्राम डायथेन एम-45 से उपचारित करें। जैविक विकल्प के लिए ट्राइकोडर्मा का 5-6 ग्राम प्रति किलो बीज उपयोग करें।
बुवाई मानसून के आगमन या जून के आखिरी सप्ताह में बारिश होने पर करें। बीज बोने की गहराई 4-6 सेमी रखें। कतारों की दूरी 30 सेमी और पौधों के बीच 10 सेमी होनी चाहिए।
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प्रति एकड़ 8-12 किलो नाइट्रोजन, 20-24 किलो सल्फर और 10 किलो पोटाश दें। सभी खादें बुवाई के समय बीज के नीचे डालें। गंधक की कमी वाले क्षेत्रों में सिंगल सुपर फास्फेट, अमोनियम सल्फेट या जिप्सम जैसे गंधकयुक्त उर्वरकों से प्रति एकड़ 8 किलो गंधक अवश्य दें।
उड़द को सामान्यतः सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन फूल और दाना बनने की अवस्था में मिट्टी में नमी की कमी होने पर एक सिंचाई जरूरी होती है।
खरपतवार से फसल को भारी नुकसान हो सकता है, इसलिए समय पर निराई-गुड़ाई करनी चाहिए। वासालिन जैसे खरपतवारनाशी को 800-1000 मिली. प्रति एकड़ की दर से 250 लीटर पानी में घोलकर खेत में नमी रहते समय छिड़कें, जिससे अच्छे परिणाम मिलते हैं।
उड़द की फसल बीज बोने के करीब 80 से 90 दिनों में तैयार हो जाती है। जब पौधों की पत्तियाँ पीली होने लगें और फलियाँ काली पड़ जाएँ, तो यह कटाई का सही समय होता है।
ऐसे समय में पौधों को जड़ के पास से काट लिया जाता है। कटे हुए पौधों को खेत में इकट्ठा करके अच्छी तरह सूखने दिया जाता है।
सूख जाने के बाद फलियों से बीज निकालने के लिए थ्रेसर का उपयोग किया जाता है। एक एकड़ खेत से औसतन 6 क्विंटल उड़द का उत्पादन प्राप्त हो सकता है।