उतर भारत के किसानो के लिए मौसम विभाग के आधार पर कृषि परामर्श
By : Tractorbird News Published on : 20-Dec-2022
- गेहूँ में शुष्क मौसम की स्थिति की संभावना के कारण किसानो को गेहूँ में सिंचाई करने की सलाह दी जाती है।
- सरसो की फसल में भी किसान समय से सिंचाई करे और बैविस्टिन जैसे कवकनाशी का छिड़काव करे ताकि तना और जड़ रोग को नियंत्रण किया जा सके।
- गन्ना में ऊपरी बेधक की क्षति 5% के स्तर से अधिक होने पर टहनियों के आधार पर 10 kg फेरटेर्रा 0.4 g या 12 kg फ़ुरदान/डिअफुरण /फुरकारब या कार्बोफुराण 3G प्रति एकड़ छिड़काव करके शीर्ष बेधक के हमले का प्रबंधन करें । इसके तुरंत बाद फसल में मिट्टी चढ़ाये और हल्की सिंचाई करे।
- सब्जी वर्गीय फसलों में साप्ताहिक अंतराल पर सिंचाई करे।
- मिर्च में फलों के सड़ने और मर जाने के नियंत्रण के लिए फसल पर 250 ml फोलिक्यूर या 750 ग्राम इंडोफिल एम 45 या ब्लाइटॉक्सिन जैसे कवकनासियों को 250 लीटर में घोल कर प्रति एकड़ 10 दिनों के अंतराल पर छिड़काव करें।
- बैंगन की फसल में तना छेदक के नियंत्रण के लिए 80 ml कोरोजन 18.5 SC और प्रोक्लाइम 5SG को 100-125 लीटर पानी में घोल कर प्रति एकड़ छिड़काव करे।
- बंदगोभी, फूलगोभी एवं ब्रोकली की रोपाई इस अवधि में की जा सकती है।
- मौसम साफ होने पर टमाटर के लेट ब्लाइट के प्रबंधन के लिए इंडोफिल M-45 को 200 लीटर पानी में घोल कर प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करें।
- बदलते मौसम जैसे ठंड की स्थिति के कारण पशुओं को शेड में रखा जाना चाहिए। घर की मक्खी के संक्रमण से बचने के लिए पशु शेड के आसपास साफ-सफाई रखनी चाहिए |
- प्रतिदिन 50 ग्राम आयोडीन युक्त नमक और 50 -100 ग्राम खनिज मिश्रण को दाने और हरे चारे के साथ प्रदान करें। उन्हें टिक संक्रमण से स्वस्थ रखें, पशु के साथ-साथ शेड में भी बोटॉक्स का छिड़काव करके इसे नियंत्रित करें और 10 दिनों के बाद छिड़काव को दोहराएं। छह माह से कम उम्र के जानवर पर छिड़काव ना करे।
- जानवरों के थनों को मास्टाइट्स (थनेला) से बचाव के लिए उचित साफ-सफाई और 75 ML प्रोविडोन आयोडीन और 25 ML ग्लिसरीन के घोल में थनो को डुबाये इसे उपयोग करके जानवरों के थनों को मास्टाइट्स से बचा सकते है |