उत्तर प्रदेश में मानसून से पहले ही कई इलाकों में पूर्व मानसून सक्रिय है। मानसून ने मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के अधिकांश हिस्सों को भिगोते हुए राज्य की दक्षिणी सीमा, जिसे सोनभद्र कहते हैं, तक पहुंच बना ली है।
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अगले 48 घंटों में मानसून राज्य में दस्तक दे सकता है। आज प्रदेश के कई हिस्सों में मौसम सुहाना रहेगा।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, 27 जून से 28 जून तक बारिश होने की संभावना है।
भयानक गर्मी के बाद पूरे क्षेत्र में तापमान में गिरावट का सिलसिला जारी है। मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के अनुसार, मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियाँ पूरी तरह अनुकूल हैं।
आज 25 जून से पूर्वोत्तर उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में भारी बारिश हो सकती है। प्रदेश में नियमित बूंदाबांदी और हवाओं से लोगों को गर्मी से राहत मिली है।
इससे हीटवेव की समस्या भी कम हो जाएगी और उत्तर प्रदेश का एक बड़ा हिस्सा रेड अलर्ट क्षेत्र से बाहर आ जाएगा।
मौसम विभाग के अनुसार, आज से प्रदेश के कई इलाकों में बारिश हो सकती है। मौसम केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार आजमगढ़, मऊ, बलिया, देवरिया, गोरखपुर, संत कबीरनगर, बस्ती, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्दार्थनगर, गोंडा, बलरामपुर, अंबेडकरनगर और आसपास के क्षेत्रों में भारी बारिश की संभावना है।
अधिकतम तापमान 39 से 40 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है, जबकि न्यूनतम तापमान 28 से 30 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है।
मानसून की झमाझम बारिश ने मौसम का मिजाज बदल दिया है और किसानों के चेहरे पर खुशी ला दी है।
मानसून का आगमन खेती के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इससे जल स्रोतों में पानी की कमी पूरी होती है और फसलों की सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिल जाता है।
इस बारिश से खेतों में नमी बढ़ती है जो कि फसल उत्पादन के लिए आवश्यक है।
बारिश के कारण किसानों को फसलों की बुआई और अन्य कृषि कार्यों के लिए पर्याप्त समय और संसाधन मिलते हैं।
धान, मक्का, गन्ना, और अन्य खरीफ फसलों की बुआई में तेजी आती है। इसके अलावा, मिट्टी की गुणवत्ता भी बेहतर होती है, जो फसलों की उपज बढ़ाने में सहायक होती है।