पशुपालक अब घर बैठे प्राप्त कर सकते हैं पशुपालन की तकनीक और योजनाओं की जानकारी

By : Tractorbird News Published on : 04-Jul-2024
पशुपालक

  • देश में पशुपालन को एक आर्थिक धंधा बनाने के लिए सरकार ने कई कार्यक्रम शुरू किए हैं। इसमें पशुपालक किसानों को घर बैठे पशु स्वास्थ्य सुविधा देना भी शामिल है। 
  • इस कड़ी में, राजस्थान सरकार ने ग्रामीण और शहरी पशुपालकों को पशु चिकित्सा संबंधी समस्याओं से निजात दिलाने के लिए एक “ए-हेल्प” योजना शुरू की है। 
  • योजना की शुरुआत सोमवार 1 जुलाई 2024 को राजस्थान राज्य पशुधन प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान, जामडोली, जयपुर में हुई। 
  • योजना का लक्ष्य स्वास्थ्य और पशुधन उत्पादन के विस्तार के लिए अनुमोदित अभिकर्ता को खोजना है।
  • पशुपालन, गोपालन और डेयरी मंत्री जोराराम कुमावत ने कहा कि महिलाओं की सशक्तिकरण की दिशा में सरकार की एक और पहल ए-हेल्प योजना है। 
  • स्वास्थ्य और पशुधन उत्पादन के विस्तार के लिए मान्यता प्राप्त अभिकर्ता को स्थापित करना इस योजना का उद्देश्य है। 
  • केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय और ग्रामीण विकास मंत्रालय ने मिलकर योजना बनाई है। 
  • इस योजना को उत्तर भारत में लागू करने वाला दूसरा राज्य राजस्थान है। वर्तमान में देश के 11 राज्यों में यह योजना लागू है।

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पशुपालकों को मिलेगी आधुनिक तकनिकी की जानकारी 

  • राज्य के पशुपालन मंत्री ने योजना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना के माध्यम से पशु सखियों के एकजुटता से पशुपालकों से जुड़ने पर न केवल पशुधन उत्पादों में वृद्धि होगी बल्कि पशुपालकों की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी। 
  • साथ ही देश में आ रही नई-नई तकनीकों का भी प्रसार ये पशु सखियां करेंगी। पशु सखियों के माध्यम से पशुपालकों को नवीनतम तकनीकों की जानकारी मिलेगी और उसके उपयोग से वे अपनी आर्थिक स्थिति को और मजबूत बना पाएंगे। 
  • साथ ही पशु सखियां प्रशिक्षण प्राप्त कर अपने क्षेत्र में स्वयं को और ज्यादा सक्षम बन पाएंगी।
  • प्रमुख शासन सचिव, पशुपालन विभाग विकास सीताराम भाले ने इस अवसर पर कहा कि ए-हेल्प एक ऐसा कार्यक्रम है जिसके माध्यम से पशुपालकों को घर पर ही पशु सखी से सभी जानकारी मिलेगी। 
  • राजस्थान में 9000 पशु सखियों को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा गया है, उन्होंने कहा। इसका अर्थ है कि लगभग हर गाँव में पशुपालकों की मदद करने के लिए एक पशुपालक होगा।

महिलाओं को दिया जाएगा प्रशिक्षण

  • Assistance Program पशु सखियों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखता है। पशुपालन मंत्री ने बताया कि योजना के तहत पशु सखियों को 16 दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाएगा, जो स्वास्थ्य और पशुधन उत्पादन के विस्तार के लिए मान्यता प्राप्त ए-हेल्प अभिकर्ता के रूप में स्थापित किया जाएगा। 
  • योजना के पहले चरण में राज्य की लगभग 2000 पशु सखियों को 25 से 25 के समूहों में प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा गया है।

पशुपालकों को मिलेगी निम्नलिखित जानकारी 

  • महिलाओं को ए-हेल्प प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से मान्यता प्राप्त एजेंट बनने में सशक्त बनाना है। पशुओं को कान टेगिंग करने के लिए चिन्हित करने और इनाफ पोर्टल पर टेगिंग डाटा दर्ज कराने में ए-हेल्प कार्यकर्ता की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। 
  • वे अपने क्षेत्र के पशुपालकों को पशुओं की देखभाल, टीकाकरण और विभिन्न विभागीय कार्यक्रमों के फायदे बताएंगी। 
  • साथ ही, ए-हेल्प कार्यकर्ता पशुपालकों को पशुधन बीमा करवाने, किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने और उनसे लाभ लेने में मदद करेंगे। 
  • उन्हें पशुओं का संतुलित आहार बनाना भी सिखाया जाएगा। साथ ही, ये प्रशिक्षित अभिकर्ता पशुपालकों को चारा उत्पादन करने के लिए प्रेरित करेंगे।

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