खेत पर तालाब बनाने के लिए किसानों को मिलेगा अनुदान
By : Tractorbird Published on : 25-Jun-2025
उत्तर प्रदेश सरकार किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने और जल संरक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कई योजनाएं चला रही है। इसी क्रम में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के ड्रॉप मोर क्रॉप घटक के अंतर्गत अदर इंटरवेंशन योजना के तहत खेत तालाब योजना चलाई जा रही है।
इस योजना के माध्यम से वर्षा जल संचयन को बढ़ावा दिया जा रहा है। वर्ष 2017-18 से अब तक प्रदेश में 37,403 खेत तालाबों का निर्माण कराया जा चुका है।
वर्ष 2025-26 में योजना की निरंतरता
राज्य सरकार ने इस योजना को वर्ष 2025-26 में भी जारी रखा है, ताकि किसानों को सिंचाई के लिए भरपूर पानी मिल सके और भूजल स्तर में सुधार हो सके। योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया 3 जून 2025 से शुरू हो चुकी है।
खेत तालाब योजना के तहत अनुदान
- किसान को अपने खेत में 20 मीटर लंबा, 20 मीटर चौड़ा और 3 मीटर गहरा तालाब बनवाना होगा।
- इसकी अनुमानित लागत ₹1,05,000 तय की गई है।
- 50% या अधिकतम ₹52,500 का अनुदान मिलेगा।
- इसके अलावा पम्प सेट की स्थापना पर भी 50% या अधिकतम ₹15,000 का अतिरिक्त अनुदान मिलेगा।
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आवेदन प्रक्रिया
- इच्छुक किसान agriculture.up.gov.in पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
- आवेदन पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर स्वीकार किए जाएंगे।
- आवेदन करते समय ₹1,000 की टोकन मनी ऑनलाइन जमा करनी होगी।
- खेत का खसरा, खतौनी और विभाग द्वारा निर्धारित घोषणा पत्र पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य है।
- दस्तावेज़ अपलोड न करने की स्थिति में टोकन मनी जब्त हो जाएगी और बुकिंग स्वतः रद्द मानी जाएगी।
पात्रता मानदंड
- वे किसान पात्र हैं जिन्होंने आवेदन से पिछले 7 वर्षों में सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली स्थापित की हो और वह अभी भी चालू हो।
- अन्य किसान त्रिपक्षीय अनुबंध के ज़रिए यह दिखाना होगा कि वे सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली स्थापित करेंगे।
- अनुदान का भुगतान DBT के माध्यम से दो किस्तों में किया जाएगा।
पम्प सेट पर अनुदान
पम्प सेट हेतु अलग से आवेदन मांगे जाएंगे।
वही किसान पात्र होंगे जिन्होंने:
- पंजीकरण की तारीख तक सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली स्थापित कर ली हो।
- खेत तालाब का निर्माण पूरा कर लिया हो।
राज्य के कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही ने प्रदेश के सभी पात्र किसानों से आग्रह किया है कि वे इस योजना का अधिकतम लाभ उठाएं और जल संरक्षण के इस अभियान में सक्रिय भागीदारी निभाएं।
अधिक जानकारी हेतु किसान अपने ज़िले के कृषि विभाग से संपर्क कर सकते हैं।