23 लाख से अधिक किसानों को मिला 1802 करोड़ रुपए का मुआवजा

By : Tractorbird Published on : 28-Oct-2025
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प्रदेश में इस वर्ष आई प्राकृतिक आपदाओं—अतिवृष्टि, बाढ़ और फसलों में फैले पीला मोजैक रोग—ने किसानों को बड़ी आर्थिक क्षति पहुंचाई है। 

खरीफ सीजन में फसलें खराब होने, खेतों में जलभराव और कीट प्रकोप के कारण किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ा। ऐसे कठिन समय में राज्य सरकार किसानों को राहत देने के लिए आगे आई है। सरकार द्वारा विभिन्न राहत योजनाओं के माध्यम से प्रभावित किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि इस वर्ष मौसम की मार और कीट प्रकोप की वजह से किसानों को अत्यधिक परेशानी का सामना करना पड़ा है। 

कई स्थानों पर बारिश के कारण जनहानि, पशुधन हानि और मकान क्षति जैसी घटनाएं भी सामने आईं। ऐसे हालात में सरकार ने किसानों को सहारा देने में कोई कमी नहीं रखी है।

1802 करोड़ रुपए की राहत राशि किसानों के खातों में ट्रांसफर

मुख्यमंत्री ने बताया कि अतिवृष्टि, बाढ़ और कीट प्रकोप से प्रभावित 23 लाख 81 हजार से अधिक किसानों को अब तक लगभग 1802 करोड़ रुपए की राहत राशि आरबीसी 6(4) नियम के अंतर्गत वितरित की जा चुकी है। यह राशि किसानों को अपनी आर्थिक स्थिति संभालने और अगली फसल की तैयारी में मदद करेगी।

उन्होंने यह भी बताया कि यह राहत राशि पिछले वित्त वर्ष 2024-25 की तुलना में लगभग तीन गुना अधिक है, जब 660.57 करोड़ रुपए की सहायता राशि दी गई थी।

पिछले वर्षों में भी जारी हुई राहत राशि

सरकार के द्वारा राहत वितरण का क्रम पिछले कुछ वर्षों से लगातार जारी है।

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वित्त वर्ष अनुसार राहत राशि निम्न रही –

  • 2021-22: 1590.74 करोड़ रुपए
  • 2022-23: 726.15 करोड़ रुपए
  • 2023-24: 758.62 करोड़ रुपए

इस वर्ष की राहत राशि इन वर्षों से अधिक है, जो बताती है कि सरकार संकट की स्थिति में किसानों को और अधिक मजबूती प्रदान कर रही है।

फसल हानि सहित अन्य नुकसान पर भी सहायताख्यमंत्री ने बताया कि फसल हानि (अतिवृष्टि, बाढ़, पीला मोजैक और कीट व्याधि) के लिए 23,81,104 किसानों को 1623.51 करोड़ रुपए दिए गए।

घर, पशुधन और अन्य प्राकृतिक क्षति की भरपाई के लिए 178.45 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राहत वितरित की गई।

इस प्रकार कुल लगभग 1802 करोड़ रुपए की सहायता राशि किसानों के खातों में पहुंच चुकी है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विश्वास दिलाया:

किसान अन्नदाता है। उसकी मुस्कान ही प्रदेश की समृद्धि है। फसल नुकसान होने पर परिवार की पूरी वर्षभर की आर्थिक व्यवस्था प्रभावित होती है। हमारी सरकार किसानों को किसी भी परिस्थिति में अकेला नहीं छोड़ेगी।”

सरकार ने स्पष्ट किया है कि भविष्य में भी यदि किसी प्रकार की प्राकृतिक विपत्ति आती है तो किसानों को राहत देने में कोई कमी नहीं रहने दी जाएगी।

किसान विभिन्न सरकारी योजनाओं और राहत राशि का लाभ समय पर पाने के लिए 31 अक्टूबर तक एग्री स्टैक पोर्टल पर अपना पंजीयन अवश्य करें।

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