मध्य प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना राज्य की महिलाओं के लिए एक मील का पत्थर साबित हुई है। यह योजना केवल आर्थिक सहायता देने का माध्यम नहीं है, बल्कि इसका असली उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक, सामाजिक और मानसिक रूप से सशक्त बनाना है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में यह योजना ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस योजना की लोकप्रियता इतनी बढ़ी कि देश के अन्य राज्यों ने भी इसी मॉडल को अपनाया। महाराष्ट्र ने “माझी लाड़की बहन योजना” और हरियाणा ने “लाडो लक्ष्मी योजना” के रूप में इसे अपने राज्यों में लागू किया।
मध्य प्रदेश सरकार अक्टूबर 2025 में लाड़ली बहना योजना की 29वीं किस्त जारी करने जा रही है। इस बार की किस्त खास इसलिए है क्योंकि सरकार ने महिलाओं के मासिक मानदेय को ₹1250 से बढ़ाकर ₹1500 कर दिया है।
यह निर्णय महिलाओं को त्योहारों के मौसम में राहत देने के उद्देश्य से लिया गया है। दीपावली और भाई-दूज जैसे पावन अवसरों से पहले यह बढ़ोतरी बहनों के लिए एक त्योहारी तोहफा कही जा रही है।
हालांकि, सरकार ने स्पष्ट किया है कि अक्टूबर माह की किस्त पुरानी दर यानी ₹1250 की ही जारी की जाएगी, जबकि नवंबर 2025 से नई बढ़ी हुई राशि ₹1500 प्रति माह लागू होगी।
सरकार द्वारा की जा रही ई-केवाईसी (e-KYC) और समग्र आईडी (Samagra ID) सत्यापन प्रक्रिया में बड़ी संख्या में त्रुटियां सामने आई हैं। रिपोर्टों के मुताबिक, राज्य के कई जिलों—जैसे सतना, रीवा, सिंगरौली, छतरपुर और सीधी—में कई महिलाओं की समग्र आईडी या तो निष्क्रिय हो गई है या डेटा मिलान असफल रहा है।
ऐसे मामलों में अक्टूबर की किस्त उनके बैंक खातों में ट्रांसफर नहीं की जाएगी।
इसके अलावा, योजना की पात्रता शर्तों के अनुसार जिन महिलाओं की आयु 60 वर्ष से अधिक हो चुकी है, वे स्वचालित रूप से योजना से अपात्र मानी जाती हैं। ऐसे लाभार्थियों को भी 29वीं किस्त नहीं मिलेगी।
सितंबर 2025 में जब योजना की 28वीं किस्त जारी की गई थी, तब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राज्य की 1.26 करोड़ से अधिक महिलाओं के खातों में ₹1541 करोड़ की राशि सीधे डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से भेजी थी।
इसके अलावा, सरकार ने 53 लाख पेंशनधारकों को ₹320 करोड़ और 31 लाख महिलाओं को एलपीजी गैस सब्सिडी के रूप में ₹48 करोड़ अतिरिक्त सहायता प्रदान की थी।
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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्पष्ट किया है कि दीपावली के बाद भाई-दूज से महिलाओं को ₹1500 प्रति माह की राशि दी जाएगी, और सरकार का लक्ष्य आगामी वर्षों में इस राशि को ₹3000 प्रति माह तक पहुंचाने का है।
उन्होंने कहा – “राज्य की बहनें हमारी ताकत हैं। उनके लिए खजाने में कोई कमी नहीं रखी जाएगी। हर बहन को सम्मान और आत्मनिर्भरता का अवसर मिलेगा।”
कई महिलाओं के नाम हाल ही में जारी हुई अंतिम सूची (Final List) से हट गए हैं। इसलिए यह आवश्यक है कि सभी महिलाएं अपना नाम जांच लें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे योजना की अगली किस्त के लिए पात्र हैं।
घर बैठे नाम जांचने की प्रक्रिया नीचे दी गई है –
1. सबसे पहले https://cmladlibahna.mp.gov.in पर जाएं।
2. “अंतिम सूची (Final List)” वाले विकल्प पर क्लिक करें।
3. अपना पंजीकृत मोबाइल नंबर और कैप्चा कोड दर्ज करें।
4. “OTP प्राप्त करें” पर क्लिक करें और मोबाइल पर आए OTP को सत्यापित करें।
5. अब “सर्च” बटन दबाएं – आपकी जानकारी स्क्रीन पर दिखाई देगी।
6. यदि नाम सूची में है, तो आप अगली किस्त पाने के पात्र हैं।
अगर किसी महिला का नाम सूची से हटा दिया गया है या उसकी e-KYC/समग्र आईडी अधूरी है, तो घबराने की जरूरत नहीं है।
राज्य सरकार ने कहा है कि डेटा अपडेट कराने के बाद लाभ फिर से शुरू किया जाएगा।
इसके लिए महिलाएं –
1. महिला मध्य प्रदेश की स्थायी निवासी होनी चाहिए।
2. आयु 21 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
3. विवाहित, विधवा, तलाकशुदा या परित्यक्ता सभी पात्र हैं।
4. लाभार्थी का स्वतंत्र बैंक खाता होना अनिवार्य है (संयुक्त खाता मान्य नहीं)।
5. बैंक खाता आधार से लिंक और DBT सक्रिय होना चाहिए।
6. समग्र पोर्टल पर आधार सत्यापन (OTP या बायोमेट्रिक) पूरा होना आवश्यक है।
दीपावली से पहले लाड़ली बहना योजना महिलाओं के लिए एक खुशियों की सौगात है। बढ़ी हुई राशि से बहनें अपनी जरूरतें और त्योहार की तैयारियां बेहतर ढंग से कर सकेंगी।
हालांकि, जिन महिलाओं की ई-केवाईसी या समग्र आईडी में समस्या है, उन्हें तुरंत इसे दुरुस्त कर लेना चाहिए ताकि वे नवंबर से मिलने वाली ₹1500 की बढ़ी हुई किस्त का लाभ प्राप्त कर सकें।
मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना ने मध्य प्रदेश की लाखों महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया है। यह केवल आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि महिलाओं के आत्मसम्मान और सशक्तिकरण की दिशा में ठोस कदम है।
परंतु तकनीकी त्रुटियों या पात्रता में लापरवाही के कारण कई महिलाएं योजना से वंचित हो सकती हैं। इसलिए जरूरी है कि सभी लाभार्थी समय पर अपने दस्तावेज, e-KYC और समग्र आईडी को अपडेट रखें, ताकि वे इस जनकल्याणकारी योजना का निरंतर लाभ उठा सकें।