बिहार सरकार ने राज्य के किसानों को आधुनिक तकनीक से जोड़ने और कृषि को अधिक लाभकारी एवं टिकाऊ बनाने के उद्देश्य से “कृषि यंत्रीकरण योजना 2025” की शुरुआत की है। इस योजना के अंतर्गत किसानों को 91 प्रकार के आधुनिक कृषि यंत्रों पर अधिकतम 80% तक की सब्सिडी प्रदान की जा रही है। इसमें जुताई, बुवाई, सिंचाई, कटाई, फसल परिवहन और प्रसंस्करण से जुड़े लगभग सभी कृषि उपकरण शामिल किए गए हैं।
यह योजना किसानों के लिए एक बड़ी राहत और अवसर दोनों लेकर आई है, क्योंकि अब वे महंगे कृषि यंत्रों को रियायती दरों पर खरीदकर खेती को अधिक कुशल, तेज़ और किफायती बना सकते हैं। आधुनिक यंत्रों के उपयोग से न केवल खेती की लागत घटेगी, बल्कि समय और श्रम की भी बचत होगी। इसके साथ ही, उत्पादन में वृद्धि होने से किसानों की आमदनी में भी बढ़ोतरी की पूरी संभावना है।
कृषि यंत्रीकरण योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को तकनीकी रूप से सक्षम बनाना है ताकि वे पारंपरिक खेती के तरीकों से आगे बढ़कर वैज्ञानिक और मशीनीकृत खेती अपना सकें। सरकार का मानना है कि खेती में यंत्रीकरण से न केवल उत्पादकता में वृद्धि होगी, बल्कि खेतिहर मजदूरों की कमी की समस्या भी काफी हद तक दूर होगी।
इस योजना में छोटे, सीमांत और सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों के किसानों को विशेष प्राथमिकता दी जा रही है ताकि कृषि में समान अवसर और समावेशी विकास सुनिश्चित किया जा सके।
योजना के अंतर्गत सब्सिडी किसानों के वर्ग के अनुसार दी जाएगी —
सामान्य वर्ग के किसानों को 40% से 50% तक की सब्सिडी मिलेगी।
अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) वर्ग के किसानों को 60% से 80% तक का अनुदान प्राप्त होगा।
इस प्रकार सरकार का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि हर वर्ग का किसान, चाहे उसकी आर्थिक स्थिति कैसी भी हो, आधुनिक कृषि यंत्रों तक अपनी पहुंच बना सके।
इस योजना की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि सब्सिडी की राशि सीधे किसानों के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी। किसान पहले अधिकृत डीलर से अपनी पसंद का कृषि यंत्र पूर्ण मूल्य पर खरीदेंगे, जिसके बाद डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) प्रणाली के तहत अनुदान की राशि सीधे उनके खाते में जमा की जाएगी।
यह व्यवस्था पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करती है तथा बिचौलियों और भ्रष्टाचार की संभावना को पूरी तरह समाप्त करती है।
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किसान इस योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन प्रक्रिया 6 अक्टूबर 2025 से शुरू होकर 31 अक्टूबर 2025 तक चलेगी। आवेदन की प्रक्रिया इस प्रकार है —
1. सबसे पहले किसान [http://www.farmech.bihar.gov.in](http://www.farmech.bihar.gov.in) वेबसाइट पर जाएं।
2. “कृषि यंत्र सब्सिडी आवेदन” पर क्लिक करें।
3. अपनी व्यक्तिगत जानकारी, किसान पंजीकरण संख्या और बैंक खाते का विवरण दर्ज करें।
4. आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें –
5. आवेदन जमा करें और प्राप्त आवेदन संख्या (Application ID) को सुरक्षित रखें।
लाभार्थियों का चयन लॉटरी सिस्टम के माध्यम से किया जाएगा। चयनित किसानों को स्वीकृति पत्र (Approval Letter) जारी किया जाएगा, जो 21 दिनों तक वैध रहेगा। इस अवधि में उन्हें यंत्र की खरीद पूरी करनी होगी।
योजना के तहत कुल 91 प्रकार के आधुनिक कृषि उपकरण शामिल किए गए हैं। इनमें प्रमुख यंत्र निम्नलिखित हैं —
इन मशीनों के उपयोग से खेती के हर चरण — जुताई, बुवाई, फसल देखभाल, कटाई और प्रसंस्करण — में समय, श्रम और लागत की महत्वपूर्ण बचत होगी।
बिहार सरकार ने इस योजना के संचालन हेतु करीब ₹4.3 करोड़ का बजट निर्धारित किया है। शुरुआती चरण में यह राशि विशेष रूप से नालंदा जिले के किसानों के लिए आवंटित की गई है, क्योंकि यह जिला कृषि उत्पादन और तकनीकी नवाचार के क्षेत्र में अग्रणी माना जाता है।
किसानों को आधुनिक कृषि यंत्र रियायती दर पर उपलब्ध होंगे।
खेती की लागत घटेगी, समय और श्रम की बचत होगी।
उत्पादकता और आय दोनों में वृद्धि होगी।
छोटे और सीमांत किसानों को विशेष लाभ मिलेगा।
लॉटरी सिस्टम से चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहेगी।
डीबीटी व्यवस्था के माध्यम से सब्सिडी सीधे किसानों के खाते में जाएगी।
किसानों में आधुनिक खेती की समझ और जागरूकता बढ़ेगी।
कृषि यंत्रीकरण योजना” नालंदा जिले के किसानों के लिए नई संभावनाओं के द्वार खोल रही है। अब यहां के किसान अपने खेतों में अत्याधुनिक मशीनों की मदद से तेज, सटीक और कुशल खेती कर पाएंगे। इससे फसल उत्पादन में वृद्धि के साथ-साथ खेती का स्वरूप भी पूरी तरह बदलेगा।
यह योजना बिहार की कृषि व्यवस्था में एक तकनीकी क्रांति लाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम है। सरकार का स्पष्ट उद्देश्य है कि हर किसान अपने खेत में आधुनिक उपकरणों का उपयोग करे ताकि राज्य की खेती आत्मनिर्भर, उत्पादक और मुनाफेदार बन सके।
बिहार की कृषि यंत्रीकरण योजना 2025 किसानों को आधुनिक कृषि की ओर ले जाने वाला एक सशक्त प्रयास है। यह न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करेगी, बल्कि राज्य के कृषि क्षेत्र को तकनीकी दृष्टि से उन्नत और प्रतिस्पर्धी भी बनाएगी। पारदर्शी डिजिटल आवेदन प्रक्रिया के साथ सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि वास्तविक और पात्र किसान ही इस योजना का लाभ उठा सकें।